दिल्ली: आज से लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा शुरू हो गई है. कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी इस बिल पर सदन को संबोधित करते हुए समर्थन का ऐलान किया. इतना ही नहीं उन्होंने बहस में हिस्सा लेने से पहले मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यह मेरे जीवन साथ राजीव गांधी का सपना था. इससे पहले कल केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश किया था. इस बिल में महिलाओं के लिए विधानसभा-लोकसभा में 33 फीसदी आरक्षण की मांग की गई है. इससे पहले केंद्रीय कैबिनेट ने सोमवार को महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी थी.
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लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि यह मेरी जिंदगी का मार्मिक क्षण है, पहली बार स्थानीय निकायों में स्त्री की भागीदारी तय करने वाला संविधान संशोधन मेरे जीवन साथी राजीव गांधी ही लेकर आए थे. बाद में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में कांग्रेस ने उसे पारित कराया था, आज उसका नतीजा है कि आज देश भर के स्थानीय निकायों में हमारे पास 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं. राजीव गांधी का सपना अभी तक आधा ही पूरा हुआ है, इस बिल के पारित होने के साथ वह पूरा होगा. कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है. लेकिन मैं एक सवाल पूछना चाहती हूं देश की स्त्रियां अपनी राजनीतिक ज़िम्मेदारी का इंतजार कर रही हैं लेकिन अभी भी इसके लिए उन्हें कितने वर्ष इंतज़ार करना होगा? कांग्रेस की मांग है कि यह बिल तुरंत लागू किया जाए और इसके साथ ही जातीय जनगणना भी कराई जाए.
लोकसभा में सोनिया गांधी ने कहा- मैं महिला आरक्षण बिल का समर्थन करती हूं
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर बहस में हिस्सा लेते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि मैं महिला आरक्षण बिल का समर्थन करती हूं. सोनिया गांधी ने आगे कहा कि अगर बिल पास करने और लागू करने में देरी हुई तो महिलाओं के साथ अन्याय होगा. हमारी मांग है कि इस बिल को जल्द से जल्द मंजूरी दी जाए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि एससी/एसटी के साथ-साथ ओबीसी वर्ग की महिलाओं को भी आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए.
चुनाव से इस बिला का कोई संबंध नहीं- भाजपा
महिला आरक्षण बिल पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि इस बिल पर आज पूरे दिन चर्चा होगी. सुबह 11 बजे शुरू होगा और शाम 6 बजे तक चलने का समय निर्धारित किया गया है. इसका चुनाव से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि यह विधेयक महिलाओं की गरिमा के साथ-साथ अवसरों की समानता को भी बढ़ाएगा. इससे महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिलेगा. इसके चार महत्वपूर्ण खंड हैं.
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