गैंगस्टर मामले में मुख्तार अंसारी को ट्रायल कोर्ट से मिली 10 साल की सजा पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. गैंगस्टर मामले में मुख्तार अंसारी को राहत मिल गई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी को जमानत दे दी है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सजा के साथ लगाए गए 5 लाख रुपये के जुर्माने पर भी रोक लगा दी है. हालांकि, हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी की सजा पर रोक की अपील को स्वीकार नहीं किया. हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. सजा के खिलाफ दायर अपील पर हाईकोर्ट में सुनवाई जारी रहेगी.
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हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी की सजा पर रोक लगाने से किया इनकार
जस्टिस राजवीर सिंह की एकल पीठ ने सोमवार को यह फैसला सुनाया है. दोनों पक्ष की ओर से दलील पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने 20 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था. मुख्तार अंसारी ने 10 साल की सजा को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. गैंगस्टर मामले में गाजीपुर की विशेष अदालत ने यह सजा सुनाई थी, 29 अप्रैल को मुख्तार अंसारी को दोषी ठहराया गया और 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी.
मुख्तार अंसारी के वकील उपेन्द्र उपाध्याय ने हाईकोर्ट में सर्टिफिकेट दाखिल किया था. वकील उपेन्द्र उपाध्याय ने कोर्ट को बताया कि मुख्तार अंसारी इस मामले में रिमांड पर लेने के बाद 12 साल 4 महीने से जेल में हैं. वकील की दलील थी कि मुख़्तार अंसारी को मुक़दमे के दौरान जितनी सज़ा सुनाई गई थी, उससे ज़्यादा दिन जेल में गुज़ार चुके हैं. कोर्ट ने इस मामले में बांदा जेल अधीक्षक से भी रिपोर्ट मांगी है.
ग़ाज़ीपुर स्पेशल कोर्ट ने अफ़ज़ाल अंसारी को 4 साल की सज़ा सुनाई है
पूर्वांचल के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है. सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने जमानत अर्जी का विरोध किया था. इसी मामले में मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को पहले ही जमानत मिल चुकी है. गाजीपुर एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई थी. जिसके चलते अंसारी को अपनी लोकसभा सदस्यता भी खोनी पड़ी थी.
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