आने वाले महीनों में देश के पांच राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसे लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है. चुनावी राज्यों का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार दौरा कर रहे हैं. इसके आलावा असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी चुनावी राज्यों का दौरा कर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन इस बीच उन्होंने एक ऐसा बयान दिया है जिसकी चौतरफा चर्चा हो रही है.
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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि भाजपा को अगले 10 वर्षों तक चार (नदी के रेत) क्षेत्रों में रहने वाले ‘मियां’ लोगों के वोटों की आवश्यकता नहीं है. सरमा ने कहा कि इन लोगों को बाल विवाह जैसी प्रथाओं को त्यागकर खुद को सुधारना होगा. हालांकि, सरमा ने कहा कि ‘मियां’ लोग उनका, पीएम मोदी और बीजेपी का समर्थन करते हैं.
मियां बंगाली भाषी मुसलमानों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है
एक सवाल के जवाब में हिमंत सरमा ने कहा कि बीजेपी जनकल्याण करेगी और वह हमारा समर्थन करेंगे. लेकिन उन्हें हमें वोट देने की जरूरत नहीं है. हमारा समर्थन करने में कोई बुराई नहीं है. असम के सीएम ने आगे कहा कि उन्हें हिमंत बिस्वा सरमा, नरेंद्र मोदी और बीजेपी के लिए ‘जिंदाबाद’ के नारे लगाने दें. मियां बंगाली भाषी मुसलमानों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है.
भाजपा को अगले 10 सालों तक मियां वोट की जरूरत नहीं
मुख्यमंत्री हिमंत बस्वा सरमा ने कहा कि जब चुनाव आएगा तो मैं खुद उनसे आग्रह करूंगा कि वे हमें वोट न दें. जब आप परिवार नियोजन का पालन करें, बाल विवाह रोकें और कट्टरवाद छोड़ें तो हमें वोट दें. ये सब होने में 10 साल लगेंगे. हम आपसे अभी नहीं बल्कि 10 साल बाद वोट मांगेंगे. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने मुझे और बीजेपी को वोट दिया है, उनके दो या तीन से ज्यादा बच्चे नहीं होने चाहिए. अपनी बेटियों को स्कूल भेजें, बाल विवाह न करें और कट्टरवाद छोड़कर सूफीवाद अपनाएं.
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