दिल्ली: नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर को सभी मामलों से बरी कर दिया है. इन लोगों को निठारी कांड में दोषी ठहराया गया था. हाई कोर्ट ने सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह को दी गई फांसी की सजा को रद्द कर दिया है. हाई कोर्ट ने गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट द्वारा दी गई फांसी की सजा को रद्द कर दिया है. इस मामले में हाई कोर्ट ने दोनों आरोपियों को बरी कर दिया है.
Advertisement
Advertisement
हाई कोर्ट ने आज दोनों दोषियों की याचिका पर अपना फैसला सुनाया है. सुरेंद्र कोली ने 12 मामलों में दी गई फांसी की सजा के खिलाफ याचिका दायर की थी. जबकि मनिंदर सिंह ने दो मामलों में मिली सजा के खिलाफ याचिका दायर की थी.
इस आधार पर किया बरी
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रत्यक्ष साक्ष्य के अभाव और कोई गवाह न होने के आधार पर दोषियों को बरी कर दिया. हाई कोर्ट के फैसले से सीबीआई को बड़ा झटका लगा है. हालांकि, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने रिम्पा हलदर हत्याकांड में सुरेंद्र कोहली की मौत की सजा को बरकरार रखा है. सबूतों के आधार पर रिम्पा हलदर हत्याकांड में दोनों को मौत की सजा सुनाई गई थी.
आरोपियों की ओर से कोर्ट में दलील दी गई कि इस घटना का कोई प्रत्यक्ष गवाह नहीं है. वैज्ञानिक और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर ही उन्हें दोषी ठहराया गया और मौत की सजा सुनाई गई थी. फांसी की सज़ा को रद्द करने की अपील की गई थी. मनिंदर सिंह को पहले ही एक मामले में हाई कोर्ट ने बरी कर दिया था.
कोर्ट के इस बड़े फैसले के बाद निठारी कांड के दोषी मोनिंदर सिंह पंढेर की वकील मनीषा भंडारी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मोनिंदर सिंह पंढेर को उसके खिलाफ दो अपीलों में बरी कर दिया है. उसके खिलाफ कुल 6 मामले थे. यहां कोली को उसके खिलाफ सभी अपीलों में बरी कर दिया गया है.
ISRO चेयरमैन ने शतरंज खिलाड़ी प्रगनानंद से की मुलाकात, दिया विशेष उपहार
Advertisement