बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी ने तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगाकर हड़कंप मचा दिया है. हालांकि, तृणमूल सांसद ने भी पलटवार किया. उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय पर कारोबारी पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है.
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हलफनामे की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए
महुआ ने हीरानंदानी के हलफनामे की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि यह शपथ पत्र बिना किसी लेटरहेड के कागज का एक सफेद टुकड़ा है. दो पन्ने के प्रेस नोट में महुआ मोइत्रा ने कहा कि हर मंत्री और पीएमओ तक पहुंच रखने वाले एक सफल और अमीर व्यवसायी हीरानंदानी को पहली बार सांसदों द्वारा उपहार देने और उनकी मांगों को पूरा करने के लिए क्यों मजबूर किया जाएगा? यह पूरी तरह से अतार्किक है.
पीएमओ पर गंभीर आरोप
महुआ मोइत्रा यहीं नहीं रुकीं और उन्होंने आगे कहा कि यह पत्र दर्शन हीरानंदानी ने नहीं बल्कि पीएमओ ने तैयार किया है. मोइत्रा ने उन दावों से भी इनकार किया है कि उन्होंने व्यवसायी से नकद या उपहार स्वीकार किए थे. मोइत्रा ने कहा कि पीएमओ ने दर्शन हीरानंदानी और उनके पिता के सिर पर बंदूक की नली लगाकर उन्हें भेजे गए पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए केवल 20 मिनट का समय दिया था. उन्हें धमकी दी गई कि अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उनका पूरा कारोबार बंद कर दिया जाएगा.
तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने अपने ऊपर लगे गंभीर आरोपों पर पलटवार करते हुए आगे कहा कि बीजेपी सरकार इतनी उत्सुक है कि वह किसी भी कीमत पर मुझे अडानी मुद्दे पर बोलने से रोकना चाहती है. उन्होंने कहा कि दर्शन हीरानंदानी को अब तक सीबीआई या एथिक्स कमेटी या किसी भी जांच एजेंसी ने नहीं बुलाया है. फिर उन्होंने शपथ पत्र किसे दिया?
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