मुंबई: महाराष्ट्र में जारी मराठा आरक्षण आंदोलन ने हिंसक रूप धारण कर लिया है. इस बीच आरक्षण की मांग को लेकर शिंदे सरकार का सकारात्मक रुख सामने आया है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश कर रही है. सरकार उन लोगों पर पूरा ध्यान दे रही है जो राज्य में हिंसा भड़काने और कानून व्यवस्था तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. यह सरकार का कर्तव्य है कि वह मराठा आरक्षण दे जो पूरी तरह से प्रमाणित हो और कानून के दायरे में हो. हम युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं. सरकार मराठों को आरक्षण देने को लेकर सकारात्मक है.
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कैबिनेट की बैठक में लिया गया अहम फैसला
महाराष्ट्र कैबिनेट की आज बैठक हुई. कैबिनेट ने मराठा समुदाय को आरक्षण पर न्यायमूर्ति संदीप शिंदे समिति की अंतरिम रिपोर्ट स्वीकार कर ली है. बैठक में निर्णय लिया गया कि मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. साथ ही, यह निर्णय लिया गया कि पिछड़ा वर्ग आयोग मराठा समुदाय की सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति का आकलन करने के लिए नए डेटा एकत्र करेगा.
सीएम शिंदे ने मनोज जारांगे से की बात
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग के बीच सीएम एकनाथ शिंदे ने आंदोलनकारियों के नेता मनोज जारांगे पाटिल से फोन पर बात की है. इस दौरान मुख्यमंत्री शिंदे ने जारांगे पाटिल के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और मराठा समुदाय को आरक्षण देने को लेकर दोनों के बीच सकारात्मक चर्चा हुई. CM एकनाथ शिंदे ने कहा कि सकल मराठा समाज जानता है कि उस समय कौन सरकार में थे और किन लोगों ने मराठा समाज का आरक्षण सुप्रीम कोर्ट में गंवाया है.
उधर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कल बीड में जिस प्रकार की घटना हुई है उसका समर्थन नहीं किया जा सकता है. मराठा आरक्षण के संदर्भ में राज्य सरकार सकारात्मक है. ऐसे में कुछ लोग जो जानबुझकर हिंसा करने की कोशिश कर रहे हैं उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा. कई लोगों की पहचान की गई है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जो शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं उन्हें आंदोलन करने दिया जाएगा.
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