इजराइल-हमास युद्ध के बीच दुनिया भर के कई देशों में हमास के समर्थन में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन रूस में ऐसा विरोध पहले कभी नहीं देखा गया है. रूसी राज्य दागेस्तान के माखचकाला हवाई अड्डे पर भीड़ ने हमला किया और इजरायलियों को लिंच करने की कोशिश की. जैसे ही प्रदर्शनकारियों को जानकारी मिली कि फ्लाइट इजराइल की राजधानी तेल अवीव से आ रही है तो लोगों ने रनवे पर ही फ्लाइट को घेर लिया. हजारों प्रदर्शनकारी एयरपोर्ट का गेट तोड़कर अंदर घुस गये. हालात इतने खराब हो गए कि दंगाइयों को रोकने के लिए स्पेशल फोर्स बुलानी पड़ी.
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‘हम बच्चों के हत्यारों को नहीं बख्शेंगे’
भीड़ ने फिलिस्तीनी झंडे ले रखे थे और ‘हम बच्चों के हत्यारों को नहीं छोड़ेंगे’ और अल्लाहु अकबर जैसे नारे लगा रहे थे. बताया जाता है कि भीड़ फ्लाइट के यात्रियों में यहूदियों को ढूंढने लगी. भीड़ ने यात्री के पासपोर्ट की जांच की, इस दौरान एयरपोर्ट को भी कुछ देर के लिए बंद करना पड़ा. रूस में हमास की बैठक के तीन दिन बाद विरोध प्रदर्शन किया गया, रूस के दागिस्तान में बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी रहती है.
इजराइल ने रूसी राजदूत को तलब किया
इस घटना के बाद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बयान जारी कर रूस को चेतावनी दी है. नेतन्याहू ने यहूदी छात्रों पर हमले तुरंत रोकने की मांग की है. इतना ही नहीं इजराइल ने रूस में इजराइलियों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त करने के लिए रूसी राजदूत को तलब किया है. इज़राइल मॉस्को में हमास के प्रतिनिधियों की मेजबानी को लेकर भी सख्त है.
गौरतलब है कि जब से इजरायल ने हमास शासित गाजा पर हमला किया है, तब से 2900 से अधिक नाबालिगों, 1500 से अधिक महिलाओं सहित 7000 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है. हमास ने 7 अक्टूबर को दक्षिणी इज़राइल में आक्रमण शुरू किया था, जिसके बाद इज़राइल ने विनाशकारी हवाई हमलों से जवाबी कार्रवाई की थी. इजराइल के जवाबी हमले ने गाजा में नागरिकों की दुर्दशा को लेकर दुनिया भर में चिंता बढ़ा दी है.
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