मुंबई: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. आंदोलनकारियों के पथराव के दौरान नांदेड़ जिले के पुलिस अधीक्षक श्रीकृष्ण कोकाटे घायल हो गए है. राज्य में बढ़ती हिंसक घटनाओं के बाद शिंदे सरकार दबाव में आ गई है, मराठा आरक्षण पर सर्वदलीय बैठक में पारित प्रस्ताव के बाद आंदोलनकारियों के नेता मनोज जारांगे से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल खत्म करने की अपील की गई है.
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मराठा आरक्षण पर क्या बोले सीएम शिंदे?
बैठक के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आज सर्वदलीय बैठक में मौजूद सभी दलों की राय मराठा समुदाय को आरक्षण देने पर थी. बैठक में सभी इस बात पर सहमत हुए कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए. यह निर्णय लिया गया कि आरक्षण कानून के दायरे में होना चाहिए और अन्य समुदायों के साथ अन्याय किए बिना होना चाहिए.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि मैं मनोज जारांगे पाटिल से अनुरोध करता हूं कि सरकार के प्रयासों पर भरोसा रखें. यह विरोध एक नई दिशा लेने लगा है. आम लोगों को असुरक्षित महसूस नहीं करना चाहिए. मैं सभी से शांति बनाए रखने और राज्य सरकार के साथ सहयोग करने का अनुरोध करता हूं.
कल कैबिनेट बैठक में लिया गया था अहम फैसला
महाराष्ट्र कैबिनेट की कल बैठक हुई थी. कैबिनेट ने मराठा समुदाय को आरक्षण पर न्यायमूर्ति संदीप शिंदे समिति की अंतरिम रिपोर्ट स्वीकार कर ली थी. बैठक में निर्णय लिया गया कि मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. साथ ही, यह निर्णय लिया गया कि पिछड़ा वर्ग आयोग मराठा समुदाय की सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति का आकलन करने के लिए नए डेटा एकत्र करेगा.
मराठा नेता ने दी धमकी
वहीं आंदोलन के नेता मनोज जारंग ने इस आंदोलन को देशव्यापी बनाने की धमकी देते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार विशेष सत्र बुलाकर आरक्षण पर जल्द फैसला ले, नहीं तो जल भी त्याग देंगे. सरकार अब विवाद से बचने के लिए विशेष सत्र बुलाकर मराठा आरक्षण पर अध्यादेश ला सकती है. उधर, नासिक में भी पथराव की घटना हुई जिसके चलते कर्फ्यू लगाना पड़ा है.
कुल 26 लोगों ने आत्महत्या की
उधर महाराष्ट्र में अब तक कुल 26 लोग आत्महत्या कर चुके हैं. आत्महत्या की ये घटनाएं मराठा आरक्षण की मांग से जुड़ी हैं. कल मराठा आरक्षण की मांग करते हुए 9 और लोगों ने अपनी जान दे दी थी. 19 से 31 अक्टूबर के बीच यानी सिर्फ 13 दिनों में इस समुदाय से जुड़े लोग आरक्षण की मांग को लेकर कुल 26 लोग आत्महत्या कर चुके हैं.
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