उत्तराखंड: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बद्रीनाथ के माणा गांव जिसे भारत का आखिर गांव कहा जाता है वहां के सरस मेला का अवलोकन किया और स्थानीय शिल्पकारों एवं उद्यमियों से बातचीत की, इसके अलावा पीएम मोदी ने गौरीकुंड को केदारनाथ और गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ने वाली दो नई रोपवे परियोजनाओं सहित 3400 करोड़ रुपये से अधिक की कनेक्टिविटी परियोजनाओं की आधारशिला रखी. इस मौके पर पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित भी किया.
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पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि माणा गांव भारत के अंतिम गांव के रूप में जाना जाता है लेकिन मेरे लिए सीमा पर बसा हर गांव देश का पहला गांव है. सीमा पर बसे आप जैसे सभी साथी देश के सशक्त प्रहरी है. 21वीं सदी के विकसित भारत के निर्माण के दो प्रमुख स्तंभ हैं पहला अपनी विरासत पर गर्व और दूसरा विकास के लिए हर संभव प्रयास. आज उत्तराखंड इन दोनों ही स्तंभों को मजबूत कर रहा है.
पीएम ने विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज मुझे दो रोपवे परियोजना के शिलान्यास का सौभाग्य मिला. इससे केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के दर्शन करना और आसान हो जाएगा. इसका निर्माण न केवल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए है, बल्कि यह राज्य में आर्थिक विकास को गति देगा. देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर मैंने लाल किले पर एक आह्वान किया, ये आह्वान हैं गुलामी की मानसिकता से पूरी तरह मुक्ति का क्योंकि आजादी के इतने वर्षों बाद भी हमारे देश को गुलामी की मानसिकता ने ऐसा जकड़ा हुआ है कि प्रगति का कुछ कार्य कुछ लोगों को अपराध की तरह लगता है.
उन्होंने कहा कि लंबे समय तक हमारे यहां अपने आस्था स्थलों के विकास को लेकर एक नफरत का भाव रहा है. विदेशों में वहां की संस्कृति से जुड़े स्थानों की ये लोग तारीफ करते नहीं थकते थे, लेकिन भारत में इस प्रकार के काम को हेय दृष्टि से देखा जाता था. अयोध्या में इतना भव्य राममंदिर बन रहा है, गुजरात के पावागढ़ में मां कालिका के मंदिर से लेकर विंध्याचल देवी के कॉरिडोर तक, भारत अपने सांस्कृतिक उत्थान का आह्वान कर रहा है.
अपने संबोधन में पीएम ने आगे कहा कि पहले जिन इलाकों को देश की सीमाओं का अंत मानकर नजरअंदाज किया जाता था, हमने वहां से समृद्धि का आरंभ मानकर काम शुरू किया. पहले देश का आखिरी गांव जानकर जिसकी उपेक्षा की जाती थी, हमने वहां के लोगों की अपेक्षाओं पर फोकस किया. हिमालय की हरी भरी पहाड़ियों पर रेल गाड़ी की आवाज उत्तराखंड के विकास की नई गाथा लिखेगी. देहरादून एयरपोर्ट भी अब नए अवतार में सेवा दे रहा है.
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