नई दिल्ली: मोरबी में मच्छू नदी पर बना झूलता पुल गिरने से 141 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है. घटनास्थल पर अभी भी बचाव कार्य जारी है और कई लोगों को निकाला जा रहा है. पिछले कई महीनों से बंद पुल की मरम्मत की गई और पांच दिन पहले ही इसे फिर से शुरू किया गया था. कांग्रेस इस मामले को लेकर दावा कर रही है कि वह इसे लेकर सियासत नहीं करेगी वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के प्रवक्ता ने इसे चुनाव से जोड़ दिया है.
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कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ब्रिटिश काल में बने केबल ब्रिज को फिर से खोलने के फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए राज्य सरकार पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं. सुरजेवाला ने अपने पहले ट्वीट में लिखा “मोरबी पुल हादसे में गई अनगिनत जानों की दर्दनाक खबर ने पूरे देश का दिल दहला दिया है. सभी शोक संतप्त परिवारों को संवेदनाएं. यह प्राकृतिक हादसा नहीं, मानव निर्मित त्रासदी है.”
सुरेजावाला ने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा “गुजरात की भाजपा सरकार इस जघन्य अपराध की सीधे सीधे दोषी है. PM और CM गुजराती भाई बहनों की ज़िंदगी की क़ीमत ₹2 लाख लगा कर अपनी जुम्मेवारी से पल्ला नहीं झाड़ सकते. CM भुपेंद्र पटेल व मोरबी विधायक व मंत्री को बताना होगा.” उसके बाद उन्होंने कुछ इस तरीके के सवाल उठाए हैं.
1. जब ये पुल 26 अक्टूबर को ही मुरम्मत के बाद खोला गया तो पुल कैसे गिर गया?
क्या ये सीधे अपराधिक षड्यंत्र नहीं?
2. भाजपा सरकार ने “फिटनेस सर्टिफिकेट” के बग़ैर पुल को जनता के इस्तेमाल के लिये खोलने की इजाज़त कैसे दी?
क्या ये चुनाव आचार संहिता लगने से पहले आनन फ़ानन में कर वोट बटोरने के लिये किया गया?
3. पुल की मुरम्मत का काम कंपनी/ट्रस्ट को कैसे दिया गया? क्या उनका BJP से कनेक्शन है?
4. क्या गुजरात के भाई-बहनों की क़ीमत केवल ₹2 लाख है?
क्या एक IAS भाजपा सरकार में रसूकदार पदों पर बैठे लोगों की आपराधिक भूमिका की जाँच कर सकता है?
5. CM, भुपेंद्र पटेल व स्थानीय मंत्री स्वयं हादसे की जुम्मेवारी कब लेंगे?
गुजरात आपको कभी माफ़ नहीं करेगा.
मोरबी हादसे पर नगर पालिका के अधिकारी का बड़ा बयान, हमारी अनुमति के बिना खुला पुल
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