नई दिल्ली: गुजरात के मोरबी में रविवार को हुए केबल ब्रिज हादसे में अब तक मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 132 हो चुका है जबकि 170 से ज्यादा लोगों का अब तक रेस्क्यू किया जा चुका है. खोज और बचाव अभियान अब भी जारी है. अब इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है. इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. जिसमें सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त जज के नेतृत्व में हादसे की एसआईटी जांच की मांग की गई है.
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सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में देश भर के सभी पुराने पुलों या स्मारकों में भीड़भाड़ के प्रबंधन के लिए नियम बनाने की मांग की गई है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने यह जनहित याचिका दायर की है.
गुजरात के मोरबी में पुल गिरने के एक दिन बाद पुल की मरम्मत करने वाली कंपनी ओरेवा के दो अधिकारियों समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस गिरफ्तारी की पुष्टि राजकोट रेंज के आईजी अशोक यादव ने की है. कंपनी ओरेवा को कई खामियों के लिए दोषी ठहराया गया है, जिसमें फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कथित विफलता और पुल को समय से पहले फिर से खोलना शामिल है.
रेस्क्यू टीम ने अब तक 170 लोगों को रेस्क्यू किया है. आज सुबह से फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गांधीनगर में राजभवन में मोरबी की स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. प्रधानमंत्री ने मोरबी में दुर्घटना के बाद जारी बचाव और राहत कार्यों के बारे में जानकारी ली. इसके अलावा आज पीएम मोदी खुद मोरबी के दौरे पर भी जाएंगे.
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