अहमदाबाद: गुजरात हाईकोर्ट ने मोरबी ब्रिज हादसे का स्वत: संज्ञान लिया हैं. कोर्ट ने गृह विभाग, शहरी आवास, मोरबी नगर पालिका, राज्य मानवाधिकार आयोग सहित राज्य सरकार के अधिकारियों को नोटिस जारी किया हैं. कोर्ट ने राज्य से एक सप्ताह के भीतर पूरी घटना की रिपोर्ट तलब की है. मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी. गौरतलब है कि मोरबी में केबल ब्रिज गिरने से 135 लोगों की मौत हो गई थी.
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गुजरात हाईकोर्ट ने मामले की स्वत: संज्ञान लेने के साथ ही राज्य सरकार के अलावा मोरबी नगर पालिका, शहरी विकास विभाग, राज्य के मुख्य सचिव, राज्य मानवाधिकार आयोग को भी पक्ष बनाने का आदेश जारी किया है. गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ने उच्च न्यायालय को पत्र लिखकर मोरबी पुल हादसे के मामले की स्वत: संज्ञान लेने की मांग की थी.
ओरेवा कंपनी ने पुरानी केबल नहीं बदली, जंग के कारण टूटा पुल
दर्दनाक हादसे के चार दिन पहले 26 अक्टूबर को मोरबी पुल को जनता के लिए खोल दिया गया था और पहले इसे मरम्मत के लिए सात महीने के लिए बंद कर दिया गया था. मिल रही जानकारी के अनुसार मरम्मत के दौरान ओरेवा कंपनी ने इसका फर्श बदल दिया था. लेकिन केबल को नहीं बदला था. पुलिस के मुताबिक जिस जगह पर केबल टूटा था, उस जगह पर जंग लग गई थी और अगर इसे ठीक कर दिया जाता तो हादसा नहीं होता.
ओरेवा ने दूसरी कंपनी को दिया मरम्मत का ठेका
पुलिस जांच में सामने आया कि ओरेवा कंपनी ने पुल की मरम्मत खुद नहीं की बल्कि ध्रांगध्रा स्थित देवप्रकाश सॉल्यूशंस को इसे करने की जिम्मेदारी सौंप दी थी. ओरेवा की तरह, देवप्रकाश सॉल्यूशंस के पास भी पुल की मरम्मत के लिए तकनीकी जानकारी का अभाव था और उसने केवल इसे पेंट करके अपना काम पूरा मान लिया था. देवप्रकाश सॉल्यूशंस के दस्तावेज से पता चलता है कि मरम्मत पर सिर्फ 12 लाख रुपये खर्च किए गए हैं. जबकि इसके लिए कंपनी को 2 करोड़ रुपया मिला था.
मोरबी नगर निगम का मुख्य अधिकारी निलंबित
मोरबी केबल ब्रिज हादसे में 135 लोगों की मौत के बाद नगर निगम के मुख्य अधिकारी संदीप सिंह झाला को निलंबित कर दिया गया है. 30 अक्टूबर को मोरबी में केबल ब्रिज गिरने की घटना हुई थी. मोरबी में केबल ब्रिज गिरने से 135 लोगों की मौत के बाद पुलिस कार्रवाई शुरू हुई और इस घटना में 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री मोदी तक ने घटना स्थल का दौरा किया और जानकारी ली थी. इतना ही नहीं पीएम मोदी ने घटनास्थल का दौरा करने के बाद अधिकारियों को निष्पक्ष जांच का निर्देश दिया था.
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