अहमदाबाद: गुजरात हाईकोर्ट ने 42 लाख रुपये की चोरी के एक मामले में आरोपी के खिलाफ गलत तरीके से धाराएं जोड़ने के मामले में सोला हाईकोर्ट पुलिस स्टेशन के पीएसआई जेएम झाला को जबरदस्त फटकार लगाई है. मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने बड़ी गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि थाना है या वसूली स्टेशन? इस मामले को लेकर कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है.
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कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह इस मुद्दे को स्पष्ट करे कि किस प्रावधान के तहत पीएसआई ने ये नई गंभीर धाराएं जोड़ी हैं. इतना ही नहीं जस्टिस समीर जे. दवे ने डीसीपी जोन-1 से सोला हाईकोर्ट पुलिस स्टेशन के पीएसआई झाला की नियुक्ति और इस मामले में धारा जोड़ने के फैसले के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है.
मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पुलिस के रवैये की बेहद गंभीर शब्दों में आलोचना की, खासकर जिस तरह से पुलिस ने इस मामले में निजी दिलचस्पी ली और मामले में आरोपी को सजा दिलाने के लिए कई गंभीर धाराएं जोड़ीं और किसी भी हालत में जमानत नहीं मिली, उसकी जमकर आलोचना की थी.
न्यायमूर्ति समीर जे. दवे की अदालत में जब अभियुक्त की जमानत अर्जी की सुनवाई चल रही थी तो उच्च न्यायालय के ध्यान में एक बहुत ही गंभीर सत्य आया कि जब सोला हाईकोर्ट पुलिस में अपराध की प्राथमिकी दर्ज की गयी तब पुलिस थाने में केवल आईपीसी की धारा-381 और 114 के तहत शिकायत दर्ज की गई थी. लेकिन बाद में सोला उच्च न्यायालय पुलिस स्टेशन के पीएसआई जेएम झाला ने सक्षम अधिकारी के समक्ष आईपीसी की धारा 406, 409, 420, 405, 468 और 471 जोड़ने की अनुमति मांगी थी.
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