ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के अध्यक्ष मौलाना बदरुद्दीन अजमल जनसंख्या वृद्धि पर अपने विवादित बयान को लेकर सरकार और विपक्ष दोनों के निशाने पर आ गए हैं. असम के धुबरी से सांसद बदरुद्दीन अजमल ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि हिंदुओं को “मुस्लिम फॉर्मूला” अपनाना चाहिए और कम उम्र में अपने बच्चों की शादी कर देनी चाहिए. अजमल का हिंदुओं को लेकर दिए गए बयान की चौतरफा आलोचना हो रही है.
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AIUDF के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल के बयान पर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अजमल पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्य है कि आज हमें बदरुद्दीन अजमल जैसे लोग गाली दे रहे हैं. अगर आजादी के समय ये हो गया होता कि धर्म के आधार पर बने पाकिस्तान में सब लोग चले जाते और यहां सनातन को मानने वाले गैर मुस्लिम लोग रह जाते तो आज बदरुद्दीन, औवेसी हमें गालियां नहीं देते.
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि हम जब जनसंख्या नियंत्रण की बात कर रहे हैं तो हमें नसीहत दे रहे हो. हमें नसीहत नहीं चाहिए. देश में एक ऐसा कड़ा कानून लाना चाहिए जो हिंदु, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी पर लागू हो और जो न माने उसको सरकारी योजनाओं से वंचित किया जाना चाहिए.
किस बयान पर शुरू हुआ हंगामा
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के अध्यक्ष मौलाना बदरुद्दीन अजमल जनसंख्या वृद्धि पर कल न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए कहा था कि वो(हिंदु) 40 साल से पहले 2-3 गैरकानूनी तरीके से बीवियां रखते हैं. 40 साल के बाद बच्चा पैदा करने की क्षमता कहां रहती है. उनको मुसलमानों के फॉर्मूले को अपनाकर अपने बच्चों की 18-20 साल की उम्र में शादी करा देनी चाहिए.
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