बीजेपी ने गुजरात के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की है. बीजेपी ने 182 में से 156 सीटों पर जीत हासिल की है. जबकि कांग्रेस ने 17 और आम आदमी पार्टी ने 5 सीटों पर जीत हासिल की है. एक तरफ गुजरात विधानसभा में यह बीजेपी का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है तो दूसरी तरफ कांग्रेस का सबसे खराब प्रदर्शन. इस बीच कांग्रेस नेताओं का मानना है कि आम आदमी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM की वजह से उन्हें ज्यादा नुकसान हुआ है. अगर कांग्रेस के वोट आप और एआईएमआईएम के बीच नहीं बंटे होते तो नतीजे कुछ और होते. तो आइए समझने की कोशिश करते हैं कि कांग्रेस का वोट बैंक अगर आप और AIMIM के बीच बंटा नहीं होता तो नजीते कुछ और ही होते.
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कांग्रेस का वोट बैंक AIMIM और आप में नहीं बंटता तो क्या होता नतीजा?
चुनाव आयोग के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस चुनाव में बीजेपी को 52.5% वोट मिले है. वहीं इस बार कांग्रेस को सिर्फ 27.3% वोट मिले हैं. जबकि आम आदमी पार्टी को 12.9% और AIMIM को 0.29% वोट मिले हैं. ऐसे में अगर पूरे राज्य के औसत वोटों की बात करें तो कांग्रेस, आप और AIMIM को कुल 49.49% वोट मिले हैं. जो बीजेपी को मिले 52.5% वोट से काफी कम है.
बीजेपी को 52.5%, अन्य को 47.5% वोट मिले
इतना ही नहीं, जब किसी चुनाव में किसी भी दल को कुल मतों के 50% से अधिक वोट मिलते हैं, तो वह जीतने वाली पार्टी से भी कम होता है, भले ही अन्य सभी दलों के वोटों का औसत प्रतिशत एक साथ जोड़ दिया जाए. इसे ऐसे समझा जा सकता है कि अगर बीजेपी को चुनाव में 52.5% वोट मिलते हैं और अगर हम राज्य में अन्य सभी दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों को मिला दें, तो अनुमानित वोट 47.5% होगा, इसलिए अगर सभी एक साथ चुनाव लड़ते तब भी भाजपा को मिले वोट की बराबरी नहीं कर पाते. हालांकि कुछ सीटों पर कांग्रेस को आप और एआईएमआईएम से सीधा नुकसान होता दिख रहा है.
क्या आप और एआईएमआईएम की वजह से मुस्लिम इलाकों में कांग्रेस को नुकसान हुआ?
चुनाव नतीजों पर नजर डालें तो मुस्लिम बहुल सीटों पर आप और एआईएमआईएम ने कांग्रेस को निश्चित रूप से नुकसान पहुंचाया है. राजनीतिक पंडितों के मुताबिक कई सीटों पर मुख्य विपक्ष का वोट प्रतिशत पहले के मुकाबले काफी कम हो गया है. क्योंकि इन सीटों पर आप और एआईएमआईएम के उम्मीदवारों को काफी वोट मिले हैं. दरअसल, गुजरात में मुस्लिम वोटरों की पहली पसंद कांग्रेस पार्टी रही है. खासकर 2002 के दंगों के बाद से लेकिन इस बार आप और AIMIM की एंट्री से न सिर्फ वोट बंटे बल्कि बीजेपी को ऐतिहासिक जीत भी मिल गई है.
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