गुजरात विधानसभा चुनाव में भारी जीत के बाद भूपेंद्र पटेल आज दूसरी बार मुख्यमंत्री का शपथ ले चुके हैं. पिछले साल सितंबर में गुजरात के सीएम बने भूपेंद्र पटेल को ‘दादा’ के नाम से भी जाना जाता है. इससे पहले वे घाटलोडिया से विधायक थे और 2017 में पहली बार चुनाव जीते थे, लेकिन पिछले 15 महीनों में भूपेंद्र पटेल ने अपने काम से अपनी एक अलग पहचान बनाई है. भूपेंद्र पटेल का सफर बेहद दिलचस्प है. एक इंजीनियर, फिर एक बिल्डर और फिर गुजरात के मुख्यमंत्री बनने का सफर भी काफी रोचक है.
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15 जुलाई 1962 को जन्मे भूपेंद्र पटेल के पिता का नाम रजनीकांत और पत्नी का नाम हेतल पटेल है. उनके भाई का नाम केतन पटेल है. भूपेंद्र पटेल के बेटे का नाम अनुज पटेल और बहू का नाम देवांशी है. पाटीदार समुदाय से आने वाले भूपेंद्र पटेल सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. वह कड़वा पटेल समुदाय से आते हैं.
भूपेंद्र पटेल सबसे पहले आरएसएस में शामिल हुए थे. सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद उन्होंने बिल्डर के तौर पर काम करना शुरू किया. उसके बाद वह 1995 में मेमनगर नगर परिषद चुनाव लड़ा और कामयाबी हासिल की. उसके बाद 1999 और फिर 2004 में भूपेंद्र पटेल नगर पालिका के सदस्य बने. इस दौरान उन्हें 1999 से 2004 तक नगर पालिका अध्यक्ष बनने का भी मौका मिला. इसके बाद भूपेंद्र पटेल 2008 से 2010 तक अहमदाबाद नगर निगम में स्थायी समिती के अध्यक्ष भी रहे. फिर वहां से वह 2015 से 2017 तक अहमदाबाद शहरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष रहे. 2017 के चुनाव में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की घाटलोडिया सीट से चुनाव लड़ा था और 1.17 लाख वोटों से जीत हासिल की थी.
भूपेंद्र पटेल बहुत ही विनम्र स्वभाव के हैं. यही वजह है कि उन्होंने एक साल के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की नजरों में अपनी अलग छवि बनाई. आज दोनों नेताओं को उन पर भरोसा है. इसके अलावा भूपेंद्र पटेल पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के भी करीबी माने जाते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह भूपेंद्र पटेल कभी मंत्री भी नहीं बने, सीधे मुख्यमंत्री बन गए.
भूपेंद्र पटेल को क्रिकेट और बेडमिंटन खेलना पंसद
भूपेंद्र पटेल बहुत सहज स्वभाव के हैं. पैंट-शर्ट के अलावा वे कुछ मौकों पर कुर्ता भी पहनते हैं. भूपेंद्र पटेल को राजनीति के अलावा क्रिकेट में भी काफी दिलचस्पी है. वे क्रिकेट देखते हैं. अपने खाली समय में वह क्रिकेट और बैडमिंटन खेलना और देखना पसंद करते हैं. पिछले 15 महीनों में भूपेंद्र पटेल कई बार आम लोगों के बीच सड़क किनारे बैठकर चाय पीकर प्रोटोकॉल तोड़ चुके थे. दादा के इस अंदाज की काफी तारीफ हो चुकी है.
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