दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शराब नीति को लेकर जमानत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सिसोदिया की याचिका पर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने सुनवाई की. उसके बाद कोर्ट ने आबकारी घोटाला केस में दखल देने से इनकार कर दिया और कहा कि आप हाईकोर्ट में जाइए. सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस के अलावा अन्य विपक्षी दल मोदी सरकार पर हमलावर हैं. लेकिन कांग्रेस ने उनकी गिरफ्तारी को जायज ठहराया है.
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कांग्रेस नेता अजय माकन ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यह एक भ्रष्टाचार का मामला है कमेटी ने जो रिपोर्ट दी इन्होंने ठीक उसका उल्टा किया जिससे भ्रष्टाचार हो. कमेटी ने कहा कि जो थोक व्यापार है उसे सरकार अपने पास ले ले लेकिन इन्होंने थोक पर जो 6% का कमीशन होता था उसे 12% कर दिया ताकि भ्रष्टाचार हो सके, ये भ्रष्टाचार नहीं है तो क्या है?
इसके अलावा माकन ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग मनीष सिसोदिया से हमदर्दी रख रहे हैं वो जान लें ये भ्रष्टाचार का मामला है. इस मामले को उसी तरह देखना चाहिए. आम आदमी पार्टी जो दिखा रही है कि उनके साथ बहुत नाइंसाफी हुई है, उन्होंने खुद कमेटी बनाई थी और कहा कि कमेटी बताए कि शराब नीति में क्या बदलाव होने चाहिए.
सिसोदिया ने दिया इस्तीफा
शराब नीति को लेकर गिरफ्तार दिल्ली के मंत्री मनीष सिसोदिया ने राज्य मंत्रिमंडल में अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा, “दिल्ली के लोग अच्छी तरह जानते हैं कि मैंने अपना कार्य पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ किया है.”
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