दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काउंटर-टेररिज्म फाइनेंसिंग पर तीसरे ‘नो मनी फॉर टेरर’ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में हिस्सा लिया. इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश ने आतंक की विभीषिका का सामना दुनिया के गंभीरता से लेने से बहुत पहले से किया है. दशकों से अलग-अलग रूपों में आतंकवाद ने भारत को चोट पहुंचाने की कोशिश की जिसकी वजह से हमने हजारों कीमती जानें गंवाईं. लेकिन हमने आतंकवाद का बहादुरी से मुकाबला किया.
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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम ने आगे कहा कि आतंकवाद का दीर्घकालिक प्रभाव गरीबों और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर होता है, चाहे फिर वह पर्यटन हो या व्यापार. कोई भी उस इलाके को पसंद नहीं करता जहां लगातार खतरा बना रहता है. इसकी वजह से वहां के लोगों की आजीविका पर भी असर पड़ता है. इसलिए यह अहम है कि हम आतंवाद की जड़ों पर हमला करें. आतंकवाद को खत्म करने के लिए एक व्यापक, सक्रिय, व्यवस्थित प्रतिक्रिया की जरूरत है. अगर हम चाहते हैं कि हमारे नागरिक सुरक्षित रहें, तो हम तब तक इंतजार नहीं कर सकते जब तक कि आतंक हमारे घरों में न आ जाए. हमें आतंकवादियों के वित्त पर चोट करनी चाहिए.
इसके अलावा पीएम ने कहा कि कुछ देश अपनी विदेश नीति के तहत आतंकवाद का समर्थन करते हैं. वे उन्हें राजनीतिक, वैचारिक और वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं. अंतरराष्ट्रीय संगठन को यह नहीं सोचना चाहिए कि युद्ध की अनुपस्थिति का अर्थ शांति है. यह महत्वपूर्ण है कि हम संयुक्त रूप से कट्टरवाद और उग्रवाद की समस्या का समाधान करें. कट्टरवाद का समर्थन करने वाले का किसी भी देश में कोई स्थान नहीं होना चाहिए.
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