ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) के दिल्ली-मुंबई कार्यालय में आयकर विभाग की कार्यवाही आज भी जारी है. 2012 से लेकर अब तक के दस्तावेज सत्यापित किए जा रहे हैं. इस बीच अब बीबीसी ने अपने कर्मचारियों के लिए एक नया मेल जारी किया है. इस मेल में सभी लोगों से जारी सर्वे में सहयोग करने के लिए कहा गया है. इतना ही नहीं बीबीसी ने अपने सभी प्रसारण पत्रकारों को कार्यालय में आने के लिए आदेश दिया है.
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प्रसारण संचालन में कोई हस्तक्षेप नहीं
आयकर विभाग ने बीबीसी के प्रसारण ऑपरेशन में कोई हस्तक्षेप नहीं करने की जानकारी दी है. आयकर विभाग ने बीबीसी के कर्मचारियों को सहयोग करने के लिए कहा है. इस बीच, बीबीसी ने अपने कर्मचारियों को मेल द्वारा प्रक्रिया में सहयोग करने और उनकी व्यक्तिगत आय के विवरण टीम को देने से बचने की सलाह दी है. जबकि कुछ कर्मचारियों को घर से काम करने की सलाह दी गई है.
अमेरिका ने प्रेस के महत्व के बारे में बात की
बीबीसी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय टैक्स में गड़बड़ी के आरोप में आयकर विभाग की टीम जांच कर रही है. इस जांच में लंबा समय लग सकता है. इस कार्रवाई को लेकर जहां भारत में सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि हमें भी छापे के बारे में जानकारी मिली है. हम दुनिया भर में एक स्वतंत्र प्रेस का समर्थन करते हैं.
कांग्रेस ने आयकर विभाग की इस कार्रवाई को बीबीसी के डॉक्यूमेंट्री से जोड़ रही है. कांग्रेस ने ट्वीट किया कि, सबसे पहले बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री आई, उसे बैन कर दिया गया. अब आईटी ने बीबीसी पर छापा मारा है. यह एक तरह का अघोषित आपातकाल है.
केंद्र सरकार ने डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर रोक लगा दी है
केंद्र सरकार ने 21 जनवरी को आपातकालीन नियम लागू करते हुए आईटी नियम 2021 की धारा 16 के तहत डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर रोक लगा दी थी. 25 फरवरी, 2021 को अधिसूचित नियम, आपात स्थिति के मामले में सूचना को अवरुद्ध करने और किसी भी सामग्री को तत्काल हटाने की अनुमति देता है. इस रोक के बावजूद भी कुछ विश्वविद्यालयों में इसकी स्क्रीनिंग की गई थी जिसकी वजह से विवाद खड़ा हो गया था.
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