बिहार में जहरीली शराब से मौत को लेकर कोहराम मचा हुआ है. छपरा में जहरीली शराब के सेवन से अब तक 58 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. विपक्षी पार्टी बीजेपी नीतीश कुमार सरकार पर हमलावर है. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी विपक्ष पर पलटवार करने से पीछे नहीं हटे हैं. बिहार विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार ने साफ कहा कि शराब से मौत पर कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा. शराबबंदी से स्थिति में सुधार हुआ है. उन्होंने कहा कि हम सभी के हित में काम कर रहे हैं. गुजरात में इतने लोगों की मौत हुई, सिर्फ एक दिन इस पर चर्चा हुई उसके बाद से सब गुजरात को लेकर खामोश हैं.
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भाजपा ने किया विरोध
बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया. नारेबाजी करते हुए विपक्षी विधायक वेल में घुस गए. इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराब से हो रही मौतों को लेकर सवाल पूछा जा रहा है कि यह सब कब बंद होगा. हम यही कहेंगे कि इसमें साफ लिखा है कि शराब के सेवन से मौत होगी. सरकार पूरे मामले को लेकर गंभीर है और घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
भाकपा विधायक सतेंद्र कुमार की मांग पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पलटवार किया. सतेंद्र कुमार ने मृतक के परिवार को मुआवजा देने की मांग की थी. नीतीश कुमार ने कहा कि जो लोग देश पर शासन कर रहे हैं, उनके राज्य की क्या स्थिति है. वहां भी शराब पर प्रतिबंध है. आज हम अलग हो गए तो आप लोग हंगामा कर रहे हैं. शराब पीकर मरने वालों को हम मुआवजे के तौर पर एक पैसा भी नहीं देंगे.
सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा मामला
छपरा में जहरीली शराब के सेवन से मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. एक वकील ने CJI की बेंच के समक्ष जल्द सुनवाई की मांग की है. लेकिन सीजेआई ने तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि अगर यह मामला इतना ही महत्वपूर्ण था तो आपको मेंशनिंग लिस्ट में शामिल किया जाना चाहिए था. अब शीतकालीन अवकाश के बाद जनवरी में ही सुनवाई हो सकेगी. याचिका में जांच के लिए एसआईटी गठित करने और पीड़ितों को उचित मुआवजा देने की मांग की गई है.
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