गांधीनगर: गुजरात में अब धारा 144 का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अपराध दर्ज किया जाएगा. मालूम हो कि गुजरात विधानसभा में पेश कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है. गौरतलब है कि यह बिल मार्च-2021 में गुजरात विधानसभा में पेश किया गया था. विधानसभा में पास होने के बाद बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा गया था. अब जानकारी सामने आ रही है कि विधेयक पर राष्ट्रपति की मंजूरी की मुहर लग गई है. इसलिए अब पुलिस प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई कर सकती है.
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अब पुलिस खुद अभियोजक बन सकती है
गुजरात में विरोध प्रदर्शन करना अब भारी पड़ सकता है क्योंकि गुजरात में अब धारा 144 का उल्लंघन करने वालों पर अपराध दर्ज होगा. यह बिल गुजरात विधानसभा में पेश किया गया था, जिसके बाद यह बिल राष्ट्रपति के पास गया था, जिस पर अब मुहर लग गई है. यह बिल मार्च 2021 में गुजरात विधानसभा में पेश किया गया था. इस बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद अब पुलिस प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई करेगी. अब गुजरात पुलिस प्रदर्शनकारियों पर सख्त कार्रवाई कर सकेगी.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रपति ने राज्य में सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई के विधेयक को मंजूरी दे दी है. जिसके बाद अब अगर पुलिस प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई करती है, तो अदालत अवमानना का मामला दर्ज नहीं कर पाएगी, और इससे सरकार विरोधी प्रदर्शनों में पुलिस स्वयं अभियोजक बन सकेगी. राष्ट्रपति की ओर से मिली मंजूरी के बाद अब नये कानून के तहत अब राज्य में निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर छह माह तक की सजा भी हो सकती है. पहले यह जमानती और असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में शामिल था.
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