जयपुर: राजस्थान में एक बार फिर सत्ताधारी कांग्रेस में अंदरूनी कलह देखने को मिल रही है. अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट विवाद फिर से शुरू हो गया है. राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत पर हमला बोला है. पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि भाषण सुनने के बाद ऐसा लग रहा है कि सीएम अशोक गहलोत की नेता सोनिया गांधी नहीं बल्कि वसुंधरा राजे हैं.
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जयपुर में आज कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का धौलपुर का भाषण सुना, उसे सुनकर ऐसा लगता है कि उनकी नेता सोनिया गांधी नहीं वसुंधरा राजे हैं. एक तरफ यह कहा जा रहा है कि हमारी सरकार को गिराने का काम भाजपा कर रही थी, दूसरी तरफ कहा जाता है कि हमें बचाने का काम वसुंधरा राजे कर रही थी. आप कहना क्या चाहते हैं, आपको स्पष्ट करना चाहिए.
राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत पर हमला बोलते हुए आगे कहा कि मुझे बहुत कुछ कहा गया कोरोना, गद्दार आदि. मैं ढाई साल से यह सब सुन रहा था लेकिन हम चुप थे क्योंकि हम अपनी पार्टी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते थे लेकिन अपने ही विधायकों और नेताओं को बदनाम करना और भाजपा का गुणगान करना मेरे समझ से परे है.
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने एक बार फिर बागी रूख अपनाते हुए कहा कि मैं 11 मई को अजमेर से एक जन संघर्ष यात्रा निकालूंगा और हम जयपुर की तरफ आएंगे. यह 125 किमी की यात्रा होगी. सही निर्णय तब लिए जाएंगे जब जनता का पूरा साथ होगा.
गहलोत के इस बयान से मचा सियासी हंगामा
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दावा करते हुए कहा कि अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान, गजेंद्र शेखावत इन्होंने मिलकर षडयंत्र किया और राजस्थान के अंदर पैसे बांट दिए. मैंने हमारे विधायक को कहा कि जो पैसा आपने लिया है अगर उसमें से कुछ खर्च भी हो गया हो तो हमें बताओ मैं उसे वापस करवाऊंगा, AICC से कहूंगा लेकिन आप भाजपा का पैसा मत लो, उनका पैसा रखोगे तो वे बाद में डरांएगे, धमकांएगे… 25 विधायक को ले गए. अमित शाह बहुत खतरनाक खेल खेलते हैं, उनका पैसा वापस दो आप.
इसके अलावा उन्होंने दावा करते हुए कहा कि राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, शोभा रानी और कैलाश मेघवाल को पता था कि उनकी पार्टी के लोग सरकार गिरा रहे हैं. वसुंधरा राजे सिंधिया और कैलाश मेघवाल ने कहा था हमारी कभी परंपरा नहीं रही है कि चुनी हुई सरकार को हम पैसे के बल पर गिराए. इन्होंने सरकार गिराने वालों का साथ नहीं दिया जिस कारण हमारी सरकार बची रही.
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