नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि राज्यों की सहमति से पेट्रोलियम उत्पादन को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है. वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से सरकार का प्रयास आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के इरादे से सार्वजनिक व्यय में वृद्धि करने का रहा है. अगर ऐसा होता है तो मई 2022 के बाद पहली बार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी आएगी. आज भी देश के कई राज्यों में पेट्रोल 100 रुपया प्रति लीटर के पार बिक रहा है.
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उद्योग निकाय पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) के सदस्यों के साथ बजट के बाद की बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने का प्रावधान पहले से ही है. मेरे पूर्ववर्ती ने इस संबंध में विकल्प खुला रखा है. पांच पेट्रोलियम उत्पादों..कच्चा तेल, पेट्रोल, हाई स्पीड डीजल, प्राकृतिक गैस और जेट ईंधन को जीएसटी के दायरे से बाहर हैं. वस्तु एवं सेवा कर परिषद को इन उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की तारीख पर विचार करना होगा.
वित्त मंत्री ने कहा, ‘राज्यों की सहमति के बाद हम पेट्रोलियम उत्पादों को भी जीएसटी के दायरे में लाएंगे…’ जीएसटी परिषद की बैठक 18 फरवरी, 2023 को नई दिल्ली में होगी. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में पूंजीगत व्यय को 33 फीसदी बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया है.
निर्मला सीतारमण ने कहा, ”पिछले तीन-चार साल से पब्लिक कैपिटल एक्सपेंडिचर पर जोर दिया जा रहा है. इस बजट में भी हमने इसे जारी रखा है. जिससे साफ कहा जा सकता है कि इस बजट में पूंजीगत व्यय पर जोर दिया गया है. सीतारमण ने कहा, पिछले कुछ सालों में यह पहली बार है जब पूंजीगत व्यय दहाई अंक में पहुंचा है. इससे पता चलता है कि बजट में कुछ बातों को अहमियत दी गई है.
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों को बिजली सहित विभिन्न क्षेत्रों में सुधारों को बढ़ावा देने और एक देश, एक राशन कार्ड लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
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