वाराणसी: वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के पास ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग खारिज कर दी गई है. शुक्रवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वास की अदालत में मामले की सुनवाई में हुई. मंगलवार को अदालत ने मुस्लिम पक्ष द्वारा विरोध दर्ज कराने और इस पर चर्चा करने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया गया था.
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ज्ञानवापी-शृंगार गौरी समेत अन्य मूर्तियों की पूजा के अधिकार पर सुनवाई के दौरान कराए गए सर्वे में ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखान में शिवलिंग जैसी आकृति मिली थी. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन ने हिंदू पक्ष के पांच वादी में से चार की ओर से कार्बन डेटिंग सहित अन्य वैज्ञानिक तरीकों से इसकी जांच कराने के लिए याचिका दाखिल की गई थी.
कार्बन डेटिंग जांच की मांग पर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताते हुए मुख्य रूप से दो बिंदुओं पर विरोध दाखिल किया था. पहली आपत्ति इसकी मौलिकता से संबंधित है. उनका कहना है कि मामला मूल विवाद से जुड़ा नहीं है. दूसरा, जिसे शिवलिंग के रूप में माना जा रहा है, वजुखाना में है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इसे सील कर दिया गया है.
हिन्दू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव के मुताबिक हमारी कार्बन डेटिंग की मांग को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि शिवलिंग के साथ कोई छेड़छाड़ ना हो, अभी इसकी आवश्यकता नहीं है. हम उच्च न्यायालय में भी अपनी बात रखेंगे क्योंकि विज्ञान की कसौटी पर जीवन जिया जा सकता है.
वाराणसी कोर्ट द्वारा कार्बन डेटिंग और शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच की याचिका खारिज करने पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि हम इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. कोर्ट ने ये कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने उस जगह को सील कर रखा है इसलिए हम इसमें कोई भी ऑर्डर पास नहीं कर सकते.
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