अहमदाबाद: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर पर हमला करने के आरोप में अब आपराधिक मुकदमा का सामना करेंगे. उन्होंने उप राज्यपाल होने की वजह से उनको मिली इम्युनिटी का उल्लेख करते हुए क्रिमिनल ट्रायल से छूट मांगी थी. लेकिन अहमदाबाद की मेट्रो कोर्ट ने विनय कुमार सक्सेना की उस याचिका को खारिज कर दिया है. आरोप है कि उन्होंने 2002 में अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में मेधा पाटकर के साथ मारपीट की थी.
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मेट्रो कोर्ट ने विनय कुमार सक्सेना की याचिका खारिज कर दी
दिल्ली के उपराज्यपाल ने क्रिमिनल ट्रायल से छूट की मांग की थी. इसका सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने विरोध किया था. मेधा पाटकर के वकील ने अदालत में तर्क दिया कि वह राज्यपाल नहीं हैं और मुकदमे से छूट के हकदार नहीं हैं. मेधा पाटकर के वकील ने यह भी तर्क दिया कि उन्हें संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत छूट नहीं दी जा सकती है. सुनवाई के बाद मेट्रोपोलिटन जज पी.एन. गोस्वामी ने विनय कुमार सक्सेना की याचिका खारिज कर दी है.
21 साल पुराने में केस में होगा क्रिमिनल ट्रायल
कोर्ट द्वारा मुकदमे से छूट की याचिका खारिज होने के बाद अब दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ आपराधिक मामला चलेगा. इस मामले में सक्सेना के अलावा अहमदाबाद के एलिसब्रिज विधानसभा सीट से जीते बीजेपी विधायक अमित शाह, वेजलपुर सीट से जीते अमित ठाकर और वकील राहुल पटेल भी आरोपी हैं. 21 साल बाद इस मामले की सुनवाई अहमदाबाद के मेट्रो मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में शुरू हो गई है. जहां सुनवाई में आरोप तय किया जाएगा.
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