चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी ताकतों को एक साथ लाने के बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रयासों की आलोचना की है. उन्होंने कहा, ‘वह क्या कर रहे हैं, इस पर हम आगे कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. लेकिन मैं आपको एक उदाहरण याद दिलाता हूं.
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पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए पीके ने नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी 2019 में उसी भूमिका में थे जिस भूमिका में नीतीश कुमार आने का प्रयास कर रहे हैं. नीतीश कुमार की लंगड़ी सरकार है मगर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बहुमत में थे. यही भूमिका(नीतीश कुमार की) उन्होंने(चंद्रबाबू नायडू) शुरू की थी कि सभी को मैं साथ लाऊंगा. उसका नतीजा ये हुआ कि उनके 23 विधायक जीते और वो सत्ता से बाहर हो गए. नीतीश कुमार को बिहार की चिंता करनी चाहिए.
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि “नीतीश कुमार जी कलकत्ता गए थे. क्या लालू-नीतीश यह कहने को तैयार हैं कि वे बिहार में टीएमसी चुनाव लड़ेंगे? वे एक सीट भी देंगे. ममता बनर्जी हमसे बेहतर नीतीश कुमार को जानती हैं. वहां नीतीश कुमार को कौन जानता है?”
#WATCH आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी 2019 में उसी भूमिका में थे जिस भूमिका में नीतीश कुमार(बिहार के मुख्यमंत्री) आने का प्रयास कर रहे हैं। नीतीश कुमार की लंगड़ी सरकार है मगर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बहुमत में थे। यही भूमिका(नीतीश कुमार की) उन्होंने(चंद्रबाबू… pic.twitter.com/7gHtyJkhW8
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 25, 2023
विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में नीतीश कुमार ने सोमवार को कोलकाता में ममता बनर्जी से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद ममता ने जय प्रकाश नारायण के आंदोलन की तरह बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के लिए बिहार की धरती से शुरुआत करने पर जोर दिया था. ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद नीतीश ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से भी मुलाकात की थी.
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