फिजी में जारी तीन दिवसीय 12वां विश्व हिंदी सम्मेलन शुक्रवार को संपन्न हो गया. सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत की तरफ से यहां पर हो रहे सांस्कृतिक मुद्दों को आगे बढ़ाने के लिए हम यहां पर हो रही हिंदी, तमिल आदि शिक्षण की मांग को पूरा करने के लिए हम तैयार हैं और कुछ ही दिनों में हम इसको रूप रेखा दे पाएंगे. हमारे पास काफी सवाल आए कि आगे का रास्ता क्या होगा? मुझे लगता है कि सब की आशा है कि यह सम्मेलन हिंदी का महाकुंभ होगा जहां दुनिया के लोग आएंगे. यह हिंदी के विषय में एक वैश्विक नेटवर्क का मंच बनेगा.
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इसके अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमें यह सम्मेलन एक बार भारत और एक बार विदेश में करना चाहिए और ऐसे करना चाहिए कि जो भी दुनिया में हिंदी प्रेमी हैं और हिंदी को आगे बढ़ाना चाहते हैं उनको अवसर मिले. हमारा लक्ष्य यही है कि कैसे हम हिंदी को विश्व भाषा बनाएं और इसके अलग रूप, पहलू, तरीके हैं. फ़िजी के राष्ट्रपति जी ने कहा कि हिंदी फिल्मों का मुझ पर बहुत प्रभाव है और मैंने कई फिल्म देखी हैं. मैंने जब पूछा कि उनकी प्रिय फिल्म कौन सी है तो उन्होंने शोले बताया. उन्होंने कहा कि उनको गाना ‘ये दोस्ती’ अभी भी याद आता है.
वहीं इस मौके पर पूर्व सचिव सौरभ कुमार ने कहा कि इस सम्मेलन में 30 से अधिक देशों के 900-1000 लोगों ने हिस्सा लिया था. विदेशी हिंदी विद्वान और स्कॉलर्स पर ज़ोर दिया गया है और 14 विदेशी स्कॉलर्स, संस्थाओं को सम्मानित किया गया है और भारत के 21 स्कॉलर्स, संस्थाओं को सम्मानित किया गया है. भाषा प्रयोगशाला की घोषणा मुरलीधरन जी ने की थी. इससे शिक्षकों को ट्रेनिंग मिल सकेगी. अभी हम सॉफ्टवेयर की तरफ ध्यान दे रहे हैं. एक बार हमारी कार्रवाई पूरी हो जोएगी तब हम यह भाषा प्रयोगशाला फ़िजी को दे दी जाएगी.
12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए फ़िजी के उपप्रधानमंत्री बिमन प्रसाद ने कहा कि फ़िजी में हिंदी भाषा का प्रचार और प्रसार पिछले 140 वर्षों से हो रहा है. आज जब मैं अपने पूर्वजों को याद करता हूं तो वह अपने साथ रामायण, गीता तो नहीं लाए थे लेकिन अपने साथ वह अपनी संस्कृति साथ में लाए थे. पिछले कुछ 10-15 सालों में हिंदी के प्रचार और प्रसार को और हिंदी को कैसे पढ़ाया जाता है उसे कम किया गया, उसको कमजोर बनाया गया. लेकिन हमारी सरकार ने ऐसे कदम उठाए हैं जिससे हिंदी को मजबूत बनाएगी.
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