नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार ने ‘शांति बनाए रखने’ और राज्य में ‘नफरत और हिंसा’ की घटनाओं से बचने के लिए फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पर प्रतिबंध लगा दिया था. राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ फिल्म के निर्माता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. अब राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा पेश करते हुए कहा कि फिल्म में हेट स्पीच की वजह से तनाव बढ़ सकता था और तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया गया है.
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बंगाल सरकार ने कहा कि गुप्त रिपोर्ट में कानून-व्यवस्था बिगड़ने, सांप्रदायिक विवाद, चरमपंथी समूहों के बीच झड़प की आशंका जताई गई थी. फिल्म में हेट स्पीच और गलत जानकारी दी गई है. इससे राज्य में हिंसा भड़क सकती है. वित्तीय नुकसान किसी के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं है.
द केरल स्टोरी फिल्म 5 मई को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. सुप्रीम कोर्ट में आज इस मामले की सुनवाई हो सकती है. पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, “हमें खुफिया जानकारी थी कि अगर राज्य में फिल्म का प्रदर्शन किया गया तो इससे शांति भंग हो सकती है.” “राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है. इसलिए, घृणा हिंसा के किसी भी मामले से बचने के लिए राज्य द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है.”
ममता बनर्जी ने क्या कहा था?
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य सचिवालय में इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. यह नफरत और हिंसा की किसी भी घटना से बचने और राज्य में शांति बनाए रखने के लिए है. उन्होंने आगे कहा कि “द कश्मीर फाइल्स” क्या है? यह एक वर्ग को अपमानित करना है. इसी तरह से “द केरल स्टोरी” क्या है?… यह एक विकृत कहानी है.
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