गांधीनगर: गांधीनगर सत्र न्यायालय ने स्वयंभू संत आसाराम को एक दशक पुराने यौन उत्पीड़न मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सूरत की एक महिला शिष्या ने आसाराम के खिलाफ रेप का मामला दर्ज कराया था. कोर्ट ने पीड़िता को 50 हजार रुपए मुआवजा देने का भी आदेश दिया है. कल आसाराम को 2013 के रेप केस में दोषी करार दिया गया था. जबकि आसाराम के अलावा अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया था. आसाराम समेत कुल 7 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
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वकील ने आसाराम को बताया आदतन अपराधी
अभियोजक की ओर से वकील ने दलील दी कि 376 सजा का पूरा प्रावधान होने के बाद 377 में भी पूरी सजा दी जानी चाहिए. इसके अलावा 506 की धारा 2 के तहत भी पूरी सजा का प्रावधान किया गया है. मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के वकील ने पीड़िता को मुआवजा देने की भी मांग की है. साथ ही आसाराम को ‘आदतन अपराधी’ बताते हुए आजीवन कारावास की सजा की मांग की गई थी.
दो बहनों ने पिता-पुत्र पर बलात्कार का लगाया था आरोप
सूरत की दो बहनों ने आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं के खिलाफ रेप की शिकायत दर्ज कराई थी. 1997 और 2006 के बीच अहमदाबाद के मोटेरा आश्रम में आसाराम द्वारा बलात्कार का आरोप लगाया गया था. सूरत की दो बहनों में से छोटी बहन ने आसाराम के बेटे नारायण साईं और बड़ी बहन ने आसाराम के खिलाफ रेप की शिकायत दर्ज कराई थी. आसाराम के खिलाफ गांधीनगर में जबकि नारायण साईं के खिलाफ सूरत की अदालत में मामला चल रहा है.
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