गांधीनगर: गुजरात विधानसभा का बजट सत्र कल से शुरू होगा. इससे पहले आज कार्यकारिणी सलाहकार समिति की बैठक हुई. इस बैठक में कल पेश होने वाले विधेयकों पर चर्चा हुई. इसके अलावा इंपेक्ट फीस संशोधन विधेयक और गुजराती भाषा को कक्षा 1 से 8 तक अनिवार्य करने के विधेयक पर भी चर्चा हुई.
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छात्रों की गुजराती नींव मजबूत होगी
कल शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर ने भी गुजराती शिक्षा के मुद्दे पर अहम बयान दिया था. उन्होंने कहा कि हमारी मातृभाषा गुजराती संवेदना और सद्भाव की भाषा है. शिक्षा विभाग द्वारा छात्रों की गुजराती नींव को मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं. निकट भविष्य में हमारे शिक्षाविद, बुद्धिजीवी, गुजराती भाषा के विशेषज्ञ मिलकर समस्या का समाधान करेंगे.
नियमों का पालन नहीं कर रहे कई स्कूल
बीते दिनों कुछ गुजराती साहित्यकारों ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार से शिकायत की थी. उसके बाद सरकार ने कहा था कि ऐसे स्कूलों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा जो गुजरात भाषा को नहीं पढ़ाते हैं. प्रवक्ता मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा गुजराती भाषा को अनिवार्य होने का आदेश देने के बाद भी कुछ निजी स्कूलों ने इसका उल्लंघन कर रहे हैं.
हाईकोर्ट में पहुंच चुका है मामला
राज्य में प्राथमिक विद्यालयों में गुजराती भाषा के शिक्षण पर एक सार्वजनिक जनहित याचिका भी दायर की गई थी, जिस पर गुजरात उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को एक नोटिस जारी किया था. याचिका पर आरोप लगाया गया था कि गुजराती भाषा केंद्रीय स्कूलों में नहीं सिखाई जाती है. उच्च न्यायालय ने सवाल किया कि गुजराती नहीं पढ़ाने वाले स्कूलों के खिलाफ किस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं, जिसके जवाब में सरकार की ओर से कहा गया कि ऐसे स्कूल संचालकों को नोटिस जारी कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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