गांधीनगर: चीन समेत पूरी दुनिया में कोरोना के मामलों में इजाफा हुआ है. केंद्र और राज्य सरकारें सतर्क हो गई हैं और एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. गुजरात सरकार फिलहाल इस बात की समीक्षा कर रही है कि राज्य में कोरोना की आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम हैं या नहीं. राज्य सरकार ने कैबिनेट बैठक में इस पर चर्चा की और प्रशासनिक विभाग को आवश्यक सुझाव दिए.
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राज्य सरकार ने कैबिनेट बैठक में राज्य में कोरोना महामारी से निपटने के संसाधनों की समीक्षा की. कोरोना महामारी को लेकर प्रदेश के 33 जिलों में 2314 स्थानों पर मॉक ड्रिल की गई. राज्य में वर्तमान में 237 मीट्रिक टन की क्षमता वाले पीएसए प्लांट चालू हैं. इसके अलावा, राज्य में वर्तमान में 164 मीट्रिक टन की क्षमता वाले 24 एलएमओ ऑक्सीजन प्लांट और 314 मीट्रिक टन की कुल क्षमता वाले 34 ऑक्सीजन टैंक भी संचालित हो रहे हैं. इसके साथ ही राज्य सरकार की समीक्षा बैठक में कहा गया कि राज्य में एक लाख से अधिक बेड और 15 से 16 हजार वेंटिलेटर उपलब्ध हैं.
कोरोना की वजह से चीन की हालत खराब
चीन की सरकार पहले से ही कोरोना के नए मामलों और मौतों की जानकारी छिपाने की कोशिश कर रही है. इसके लिए उसने इंटरनेट से लेकर अखबारों तक में सेंसरशिप की नीति लागू की है. अब चीन के स्वास्थ्य आयोग द्वारा कोविड डेटा का खुलासा न करना पूरी दुनिया के लिए बड़ा खतरा बन सकता है. इस डेटा के आधार पर विभिन्न देश चीन के साथ उड़ानों की आवाजाही और सतर्कता के संबंध में निर्णय लेते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में अब तक 24 करोड़ 80 लाख लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. कहा जा रहा है कि शुरुआती 20 दिनों में चीन की 17.56 फीसदी आबादी इस वायरस से संक्रमित हो चुकी है. चीन से कई तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं, जिनमें अस्पतालों के बाहर भारी भीड़ दिख रही है. इसके अलावा कुछ रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि वहां के मुर्दाघर में भी लाशों की ढेर लगी हुई है. चीन की मौजूदा परिस्थिति को देखकर भारत सरकार पर एहतियाती कदम उठा रही है.
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