अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा चुनाव के चलते गुजरात राजनीतिक जंग का मैदान बन गया है. राजनीतिक दल अपनी सरकार बनाने के लिए सख्त मेहनत कर रहे हैं. कई पार्टियों में उम्मीदवारों का दलबदल और नाराजगी सामने आ रही है. इस बीच गुजरात के 18 गांव के लोगों ने चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया है.
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ये लोग लोकल ट्रेनों की मांग कर रहे हैं. दो साल पहले कोरोना महामारी के दौरान अंचेली रेलवे स्टेशन पर लोकल ट्रेनों का संचालन रोक दिया गया था. अब ये लोग इस स्टेशन पर लोकल ट्रेन सेवा बहाल करने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि अगर ट्रेन नहीं है तो वे वोट नहीं देंगे. क्योंकि इससे उन्हें बहुत परेशानी हो रही है और उन्हें निजी वाहन से यात्रा करने के लिए प्रतिदिन 300 रुपये खर्च करने पड़ते हैं.
रेलवे उपयोगकर्ता सलाहकार समिति के जोनल सदस्य छोटूभाई पाटिल ने कहा कि यहां लोगों ने हाथ में पोस्टर लेकर मतदान नहीं करने का ऐलान किया है. कई लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. उनके हाथ में लगे पोस्टर में ‘नो ट्रेन, नो वोट’ लिखा हुआ है. इतना ही नहीं इन लोगों ने सभी राजनीतिक दलों से चुनाव प्रचार के लिए गांव में नहीं आने की धमकी भी दी है. छोटूभाई ने कहा, हमने कई बार रेल मंत्री से अनुरोध किया है लेकिन अब ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है और जो ईवीएम मशीनें मतदान के लिए आएंगी उन्हें खाली वापस भेज दिया जाएगा.
नवसारी और अंचोली विधानसभा क्षेत्र और अन्य गांवों के निवासियों ने गुजरात चुनाव का बहिष्कार किया है और चुनाव प्रचार के लिए राजनीतिक नेताओं के प्रवेश पर रोक लगा दी है. उन्होंने चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है क्योंकि अंचेली रेलवे स्टेशन पर लोकल ट्रेनों को रोकने की उनकी मांग अभी तक पूरी नहीं हुई है.
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