अहमदाबाद: गुजरात में हार के कारणों का पता लगाने के लिए बनी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है. तीन सदस्यीय समिति अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंपेगी. पिछले साल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था. राज्य में पिछले 27 साल से सत्ता से बाहर रहने के बाद कांग्रेस को अब नेता प्रतिपक्ष का पद भी गंवाना पड़ा है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नितिन राउत के नेतृत्व में एक टीम बनाई थी. टीम ने नेताओं, उम्मीदवारों, कार्यकर्ताओं और लोगों से बातचीत कर एक बड़ी रिपोर्ट तैयार की है. फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने हार के कारणों का पता लगाने के साथ ही समाधान भी सुझाए हैं.
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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रिपोर्ट में तालमेल की कमी को हार का सबसे बड़ा कारण बताया गया है. कांग्रेस आलाकमान और गुजरात कांग्रेस के बीच बेहतर तालमेल नहीं होने के कारण 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बुरी तरह हार हुई और पार्टी 77 से सीधे 17 सीटों पर आ गई. जिसके कारण अब पार्टी को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद भी गंवाना पड़ा है. एआईसीसी को सौंपी जाने वाली रिपोर्ट में केंद्रीय नेतृत्व और राज्य नेतृत्व के बीच समन्वय की कमी पर जोर दिया गया है. पार्टी में एक तरफ जहां केंद्रीय टीम और राज्य की टीम के बीच तालमेल नहीं था वहीं दूसरी ओर प्रदेश की टीम और जिले की टीमों के बीच भी वैसी ही स्थिति थी.
इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि पार्टी ने चुनाव के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के लिए कोई रणनीति नहीं बनाई है. पार्टी को नुकसान हो रहा था और नेता कह रहे थे कि जिसे जाना है वह जाए. जिससे कई नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी. इससे आम लोगों के बीच कांग्रेस की छवि कमजोर हुई. इससे भी ज्यादा नुकसान हुआ है. डैमेज कंट्रोल में जिम्मेदार नेताओं ने दिलचस्पी नहीं दिखाई.
इसके अलावा फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चुनाव के दौरान पार्टी उम्मीदवारों को जनशक्ति और धन की कमी का भी सामना करना पड़ा था. भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल सकीं, जिससे प्रत्याशी चुनाव प्रचार में पीछे रह गए. प्रत्याशियों को पार्टी से चंदा नहीं मिला था. पिछले साल होने वाले चुनाव में कांग्रेस सिर्फ 17 सीटों पर सिमट कर रह गई थी. यह राज्य में कांग्रेस का सबसे खराब प्रदर्शन है. चुनाव में तमाम बड़े नेताओं की हार हुई थी.
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