गांधीनगर: गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में पहली बार पाकिस्तान से आए 1032 हिंदू शरणार्थी इस चुनाव में मतदान करेंगे. अहमदाबाद के कलेक्टर ने पिछले 5 वर्षों में सभी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी है. अहमदाबाद के कलेक्टर ने साल 2016 से पाकिस्तान से आए 1032 हिंदुओं को नागरिकता देने का काम जारी रखा है. ये सभी लोग पाकिस्तान में हिंदुओं के उत्पीड़न के कारण अपनी जान बचाने के लिए यहां आए थे.
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2016 और 2018 के गजट के अनुसार अहमदाबाद, गांधीनगर और भुज के कलेक्टरों को नागरिकता देने का अधिकार मिला है. कलेक्टर केंद्र और राज्य की खुफिया एजेंसियों से जांच कर हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों और पारसियों को नागरिकता दे सकते हैं.
गृह मंत्री हर्ष संघवी ने भी दी नागरिकता
इस साल अगस्त में, राज्य के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने अहमदाबाद में कलेक्टर कार्यालय में पाकिस्तान के 40 और शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान की थी, जिनमें से एक दिलीप माहेश्वरी (36 वर्ष) ने कहा कि वह 1995 से वीजा प्राप्त करने की कोशिश कर रहे थे. उन्हें वर्ष 2008 में भारत से पर्यटक वीजा मिला लेकिन उस वीजा की अवधि समाप्त होने के कारण वे पाकिस्तान लौट आए थे. उसके बाद साल 2013 में उन्हें लॉन्ग टर्म वीजा मिला और तब से वह गुजरात में रह रहे थे, अब उन्हें नागरिकता मिल गई है.
गृह मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन
गुजरात चुनाव से पहले बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बड़ा दांव खेला है. केंद्र सरकार ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आकर गुजरात के दो जिलों में रहने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देने का फैसला किया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, गुजरात के आणंद और मेहसाणा जिलों में रहने वाले इन तमाम को नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 6 और नागरिकता नियम 2009 इस प्रावधान के तहत भारत के नागरिक के रूप में पंजीकरण की अनुमति देगा कि इन सभी को भारतीय नागरिकता प्रदान की जाए.
गुजरात के दो जिलों में रहने वाले ऐसे लोगों को अपने आवेदन ऑनलाइन जमा करने होंगे, जिसके बाद कलेक्टर जिला स्तर पर उनका सत्यापन करेंगे. अधिसूचना के अनुसार कलेक्टर आवेदन के साथ अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजेंगे. उसके बाद ही इस मामले को लेकर फैसला लिया जाएगा.
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