जामनगर: विरमगाम से बीजेपी विधायक हार्दिक पटेल को जामनगर विवादित भाषण मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है. हार्दिक पटेल को पांच साल बाद बरी कर दिया गया है. 2017 में पाटीदार आंदोलन के दौरान पूर्व पास नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ जामनगर के धूणसिया में जनसभा संबोधित करने के दौरान विवादित भाषण देने की वजह से शिकायत दर्ज की गई थी. अब इस मामले में जमानगर की कोर्ट ने हार्दिक को बरी कर दिया है. कोर्ट का फैसला सामने आने के बाद हार्दिक पटेल ने न्यायपालिका और वकील को धन्यवाद दिया.
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क्या है पूरा घटनाक्रम?
4 नवंबर 2017 को पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान हार्दिक पटेल के नेतृत्व में जामनगर के धूणसिया में एक जनसभा का आयोजन किया गया था. बैठक को शैक्षिक उद्देश्यों के लिए मंजूरी दी गई थी और राजनीतिक भाषण के लिए हार्दिक पटेल के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी.
राजनीतिक भाषण के लिए हार्दिक पटेल, पास संयोजक अंकित घेडिया पर मामला दर्ज किया गया था. फैसले की घोषणा जामनगर के चौथे अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमडी नंदनी की अदालत में की गई. इस मामले में कोर्ट ने हार्दिक पटेल के वकील दिनेश विरानी और राशिद खिरनी की दलीलों को सुनने के बाद अपना फैसला सुना दिया है.
हार्दिक पटेल के खिलाफ अहमदाबाद ग्रामीण कोर्ट में भी चल रहा है मुकदमा
जामनगर कोर्ट ने भले ही हार्दिक पटेल को बेगुनाह करार दिया हो, लेकिन उनके खिलाफ अहमदाबाद में भी एक पुराने मामले को लेकर मुकदमा चल रहा है. हार्दिक पटेल के खिलाफ 2018 में अहमदाबाद के निकोल में शिकायत दर्ज कराई गई थी.
वीरमगाम सीट से हार्दिक पटेल जीते
2017 में पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था. हालांकि, उसके बाद हार्दिक पटेल ने कांग्रेस छोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गए थे. 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने वीरमगाम सीट से हार्दिक पटेल को टिकट दिया था. इस सीट से हार्दिक पटेल ने 51 हजार के भारी मार्जिन से जीत हासिल की है. हार्दिक पटेल ने कांग्रेस के उम्मीदवार लाखा भारवाड़ को चुनाव हरा दिया था.
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