गांधीनगर: गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के दूसरे चरण के लिए मतदान जारी है. दूसरे चरण में मेहसाणा जिले के खेरालू तालुका के तीन गांवों ने चुनाव का बहिष्कार किया है. खेरालू के वरेठा, डालीसना और डावोल में ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया है.
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खेरालू के 3 गांवों में एक भी वोट नहीं पड़ा
खेरालू तालुका के तीन गांव वरेठा, डालीसना और डावोल में चुनाव का बहिष्कार किया गया है. इन तीनों गांव में रहने वाले ग्रामीणों ने रुपेन नदी को पुनर्जीवित करने और तालाब में पानी भरने की मांग को लेकर चुनाव का बहिष्कार किया है. अभी तक इस गांवों में एक भी वोट नहीं पड़ा है.
1998 से की जा रही है शिकायत
खेरालु तालुका के डावोल, वरेठा और डालीसना गांवों में लोग पिछले 20 सालों से पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इन तीनों गांवों के लोग ज्यादातर कृषि और पशुपालन पर निर्भर हैं. हालांकि इस गांव के आसपास दो बड़े बांध हैं, लेकिन टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जाती है. गांव में पानी की समस्या के कारण लोग पलायन कर रहे हैं और नौकरी धंधा के लिए शहरों की ओर जा रहे हैं. खेरालू के बिल्कुल पास धरोई और मुक्तेश्वर नामक दो बांध हैं बावजूद इसके इन तीन गांवों में लोगों को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता है.
ग्रामीणों का कहना है कि जब तक तीनों गांवों को पानी नहीं मिलेगा वे किसी भी चुनाव में मतदान नहीं करेंगे. 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पानी देने का वादा किया था. रूपेन नदी को पुनर्जीवित करने और चिमनाबाई तालाब को भरने की बात कही गई थी. लेकिन सालों बाद भी इस समस्या का कोई समाधान नहीं हो पाया है. जिसकी वजह से अब खेरालू तालुका के वरेठा, डालीसना और डावोल में ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया है.
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