5 भारतीयों सहित 72 लोगों को ले जा रहा येती एयरलाइंस का विमान कल नेपाल के पोखरा हवाई अड्डे पर उतरने से कुछ क्षण पहले ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हिमालयी देश में पिछले 30 वर्षों में यह सबसे भीषण हादसा है. इस भयानक विमान हादसे में अब तक 70 लोगों की मौत हो चुकी है. अधिकारियों के मुताबिक, हादसा इतना भयावह है कि किसी भी यात्री के बचने की उम्मीद नहीं है. नेपाल में लगभग हर साल एक विमान दुर्घटना होती है. देश ने 2010 के बाद से लगभग 11 विमान दुर्घटनाएं देखी हैं. यति एयरलाइंस के इस विमान दुर्घटनाग्रस्त से पहले तारा एयरलाइंस का एक विमान पिछले साल 29 मई को मस्तंग जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. जिसमें सवार 22 लोगों की मौत हो गई थी.
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नेपाल के नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यति एयरलाइंस का एटीआर-72 विमान काठमांडू से उड़ान भरकर पोखरा में पुराने और नए हवाई अड्डों के बीच सेती नदी की खाड़ी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. विमान में 14 विदेशी नागरिक और चालक दल के 4 सदस्यों सहित कुल 72 लोग सवार थे. सोशल मीडिया पर प्लेन के 2 वीडियो वायरल हुए हैं. एक वीडियो में, विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से कुछ सेकंड पहले हवा में बुलबुले दिखाई दे रहे हैं. जबकि दूसरे वीडियो में विमान के अंदर बैठे एक यात्री ने इसे अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड कर लिया. इसमें विमान के अंदर से बादल दिखाई दे रहा है उसी दौरान यह आग की लपटों में आ जाता है और फिर अंधेरा छा जाता है.
जानिए नेपाल के आसमान में उड़ना इतना खतरनाक क्यों है
नेपाल हिमालय की गोद में बसा एक छोटा सा देश है जो प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है. इसकी स्थलाकृति, कम दृश्यता और हमेशा बदलते मौसम की स्थिति ऐसी घटना बनाती है, जो हवाई जहाज उड़ाने के लिए दुनिया के सबसे कठिन क्षेत्रों में से एक है. देश में कई तथाकथित हार्ड-टू-एक्सेस हवाई पट्टी हैं. जो पहाड़ों को काट कर बना है. ऐसी हवाई पट्टियों पर रनवे बहुत छोटे होते हैं और इनमें पर्याप्त जगह की कमी होती है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लुकला के पूर्वोत्तर में स्थित तेनजिंग-हिलेरी एयरपोर्ट को दुनिया के सबसे भयानक हवाईअड्डों में से एक माना जाता है.
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