लखीमपुर खीरी कांड में आरोपी आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है. आशीष मिश्रा केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा का बेटा है. आशीष मिश्रा पर लखीमपुर में किसानों को गाड़ी कुचल कर मौत के घाट उतारने का आरोप था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केस खत्म होने तक किसी को भी जेल में रखना योग्य नहीं है. आशीष 1 साल से ज्यादा समय से जेल में है.
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सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आशीष मिश्रा को शर्तों के साथ 8 हफ्ते की अंतरिम जमानत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को अपनी लोकेशन के बारे में कोर्ट को सूचित करने का निर्देश दिया है. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि आशीष मिश्रा या उनके परिवार द्वारा गवाहों को प्रभावित करने और मुकदमे में देरी करने की कोशिश करने पर उनकी जमानत रद्द हो सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को इस शर्त पर अंतरिम जमानत दी है कि वह दिल्ली और उत्तर प्रदेश में नहीं रहेंगे और जमानत पर रिहा होने के एक सप्ताह बाद वह उत्तर प्रदेश छोड़ देंगे.
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पिछले साल जमानत याचिका खारिज कर दी थी
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने यह आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने 19 जनवरी को आशीष मिश्रा की अंतरिम जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने पिछले साल 26 जुलाई को आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी.
क्या है पूरी घटना?
घटना 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी में हुई थी, जिसमें किसानों पर कार चढ़ा दी गई थी. किसान दावा कर रहे हैं कि इस मामले में केंद्रीय मंत्री का बेटा आशीष मिश्रा शामिल था. आशीष पर यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम का विरोध कर रहे किसानों को कुचलने वाली एक गाड़ी में सवार होने का आरोप है. हादसे में चार किसान सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी.
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