भावनगर में हाउसिंग बोर्ड का तीन मंजिला इमारत गिरने से पूरे इलाके में अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया. घटना की जानकारी मिलने ही फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंच गई और राहत-बचाव का काम शुरू कर दिया. टीम ने जर्जर इमारतों के मलबे में फंसे 6 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है.
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पिछले कई वर्षों से इस प्रकार की घटना को होने से रोकने के लिए सरकार ने यह भी घोषणा की है कि यदि आपका भवन जर्जर अवस्था में है तो इसकी लिखित सूचना दें. लेकिन मकान मालिक की गलती और सरकारी प्रशासन की लापरवाही की वजह से ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं.
गुजरात हाउसिंग बोर्ड की कई सोसायटियों का राज्य भर में बुरा हाल है. इसके बारे में प्राथमिक जानकारी मालिक को देनी होती है. कई बार सर्वे कर स्थानिक प्रशासन भी ऐसे मकानों को नोटिस जारी करती है. लेकिन इस तरह की घटना लापरवाही के कारण कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अभी बारिश की सीजन शुरू भी नहीं हुआ है और ऐसे घटनाएं पहले से सामने आनी लगी हैं. बारिश के सीजन में ऐसी घटनाओं में भारी वृद्धि दर्ज की जाती है.
अहमदाबाद में 400 से ज्यादा जर्जर कमान
पुराने अहमदाबाद के कोट इलाके में हर साल मानसून के दौरान जर्जर मकानों के गिरने की कई घटनाएं होती हैं. भाजपा पार्षद ने शहर में 400 से अधिक जर्जर मकान होने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर नगर पालिका का इस संबंध में विशेष नीति बनाने की मांग की है. पत्र में लिखा है कि कोट क्षेत्र में 400 से अधिक जर्जर मकान हैं. मानसून में इन मकानों में कभी भी दुर्घटना होने की संभावना रहती है. नगर निगम के पास सिर्फ नोटिस जारी करने का अधिकार है. अधिकांश जर्जर मकानों की मरम्मत मकान मालिक और किराएदार तथा पारिवारिक विवाद के कारण नहीं हो पाता है. पत्र में मांग की गई है कि इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा विशेष नीति बनाई जाए.
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