अहमदाबाद: गुजरात हाई कोर्ट ने 4 अक्टूबर 2022 को खेड़ा जिले के उंढेला गांव में मुस्लिम युवकों को खंभे से बांधकर सरेआम पीटने की घटना में चार पुलिसकर्मियों को 14 दिन जेल की सजा सुनाई है. इस मामले में पुलिस की बर्बरता की शिकार एक महिला समेत चार आरोपियों ने गुजरात हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि उन पर अदालत की अवमानना का मुकदमा चलाया जाना चाहिए क्योंकि पुलिस ने सार्वजनिक रूप से उनकी पिटाई करके सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है.
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आरोपी पुलिसकर्मियों ने पीड़ितों को मुआवजा देने की इच्छा दिखाते हुए समझौते की पेशकश भी की थी. हालांकि, पीड़ितों ने आरोपियों द्वारा की गई मुआवजे की पेशकश को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उन्हें मुआवजा नहीं बल्कि न्याय चाहिए. 19 अक्टूबर को हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपियों ने खुद को सजा देने के बजाय आर्थिक दंड देने की गुहार लगाई थी, हालांकि कोर्ट ने सभी तथ्यों और मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों को 14 दिन जेल की सजा देने का आदेश दिया है.
अक्टूबर 2022 में उंढेला गांव में गरबा के दौरान पथराव की घटना हुई थी. इसके बाद पुलिस ने मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया था, शिकायत के मुताबिक इन सभी लोगों को हवालात में रखा गया और अगले दिन उन्हें गांव लाया गया जहां पुलिस ने उन्हें बिजली के खंभे के पास खड़ा कर दिया और सरेआम डंडों से पीटा था. पीड़ितों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें सार्वजनिक रूप से पीटने से पहले घर पर पीटा और फिर मस्जिद चौक के पास लेकर आई और लोगों के सामने पिटाई की थी.
4 अक्टूबर 2022 को खेड़ा जिले के उंढेला गांव में गरबा के दौरान पथराव करने के आरोप में पुलिस ने कुछ मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार किया था उसमें से 4 को बीच चौराहे पर खंभे से बांधकर मारपीट की गई थी. इस मामले को लेकर गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने पुलिसकर्मियों का बचाव करते हुए कहा था कि असामाजिक तत्व किसी भी समुदाय के हों उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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