गांधीनगर: बाइपरजॉय चक्रवाती तूफान के बाद गुजरात में मानसून की जबरदस्त एंट्री हुई थी. तीन दौर की बारिश से राज्य की नदी और जलाशय उफान पर आ गए थे. लेकिन अगस्त का पूरा महीना बारिश नहीं होने की वजह से किसानों की चिंता बढ़ गई है. बारिश न होने से किसानों को मानसूनी फसलें खराब होने की चिंता सता रही है. उत्तर गुजरात और मध्य गुजरात में बारिश कम होने के कारण पानी की कमी हो रही है. बनासकांठा जिले में खासकर सीमावर्ती गांवों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. किसानों ने सरकार से 10 घंटे बिजली या फिर नहर से पानी उपलब्ध कराने की मांग की है. इस माह औसत से भी कम बारिश होने से पशुपालकों व किसानों में चिंता व्याप्त है. इस बीच राज्य सरकार ने राज्य के 14 जिलों में 10 घंटे बिजली देने की घोषणा की है. अब 2 सितंबर से किसानों को आठ घंटे की जगह 10 घंटे बिजली मिलेगी.
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14 जिलों में किसानों को 10 घंटे बिजली उपलब्ध करायी जायेगी
राज्य के ऊर्जा मंत्री कुनभाई देसाई ने जानकारी दी है कि राज्य में किसानों की खड़ी फसलों को बचाने के लिए 8 घंटे की जगह 10 घंटे बिजली देने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि अन्य जिलों के किसानों की शिकायत मिलने के बाद मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने भावनगर, पोरबंदर, गिरसोमनाथ, बोटाद और मोरबी जिलों के किसानों को 8 घंटे के बजाय 10 घंटे बिजली प्रदान करने का निर्णय लिया है. इसे दो सितंबर से लागू किया जाएगा. इसके अलावा उत्तर, मध्य और दक्षिण गुजरात के बाकी जिलों को 5 सितंबर से 10 घंटे बिजली देने का फैसला किया गया है.
सिंचाई योजना का शुभारंभ
उधर मुख्यमंत्री की उपस्थिति में 67.69 करोड़ रुपये की नर्मदा मुख्य नहर आधारित मातपुर-ब्राह्मणवाड़ा सिंचाई योजना का शुभारंभ किया गया. राज्य सरकार ने खेती के लिए दस घंटे बिजली देने और जरूरत पड़ने पर सिंचाई के लिए नहरों में पानी छोड़ने का फैसला किया है, ताकि बारिश नहीं होने की स्थिति में खेती और किसानों को नुकसान न उठाना पड़े. इस योजना से मेहसाणा और पाटन जिलों के 18 गांवों की 3705 एकड़ भूमि को सीधा लाभ मिलेगा.
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