गांधीनगर: तीन राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल अगस्त में खत्म हो रहा है. गुजरात विधानसभा चुनाव में शर्मनाक हार का सामना करने की वजह से कांग्रेस के पास विधायकों की संख्या कम है, इसलिए तीनों सीट एक बार फिर भाजपा के खाते में जाएगी. लेकिन गुजरात की राजनीति के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा कि कांग्रेस को राज्यसभा चुनाव लड़ने का मौका ही नहीं मिलेगा.
Advertisement
Advertisement
विधायकों की संख्या 45 होनी चाहिए
गुजरात विधानसभा की मौजूदा स्थिति को देखते हुए अगर राज्यसभा चुनाव का लड़ना है तो पार्टी के पास 182 सीटों के आधार पर कम से कम 45 विधायक होना जरूरी है. जबकि कांग्रेस के पास सिर्फ 17 विधायकों की संख्या है. इसे देखते हुए कांग्रेस के राज्यसभा चुनाव में उतरने की संभावना न के बराबर है. गुजरात के तीन राज्यसभा सदस्यों का 6 साल का कार्यकाल खत्म हो रहा है. इसलिए 3 सीटों के लिए चुनाव होना है. विदेश मंत्री एस जयशंकर, जुगल ठाकोर, दिनेश अनावडिया का इस साल अगस्त में कार्यकाल खत्म होने वाला है.
कांग्रेस को पांच साल तक एक भी सीट नहीं मिलेगी
इतना ही नहीं गुजरात कांग्रेस को अगले पांच साल तक राज्यसभा की एक भी सीट नहीं मिलेगी. अगले साल अप्रैल में चार राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल पूरा होने वाला है. जिनमें कांग्रेस सांसद ए नारन राठवा और अमी याग्निक का नाम शामिल हैं. इन दोनों सीटों से भी कांग्रेस को हाथ धोना पड़ेगा. गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 17 सीटों पर सिमटकर रह गई है. जिसकी वजह से कांग्रेस राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों को चुनौती भी नहीं दे पाएगी. कांग्रेस की ताकत इस बार पिछले कार्यकाल से भी कम हो गया है. इसलिए राज्यसभा चुनाव को जीतने में भाजपा को किसी खास दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा.
लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि जयशंकर, जुगलजी ठाकोर और दिनेश अनावडिया में से बीजेपी किसे फिर से मैदान में उतारती है और किसका पत्ता काटती है? गौरतलब है कि गुजरात में राज्यसभा की 11 सीटें है. इनमें से 8 सीटों पर भाजपा का कब्जा है जबकि कांग्रेस के पास सिर्फ 3 सीट ही है. उसमें से अगले साल कांग्रेस के हाथ से दो और सीट निकल जाएगी उसके बाद गुजरात कांग्रेस की ओर से सिर्फ शक्तिसिंह गोहिल ही बचेंगे.
पहलवानों के मामले में दिल्ली पुलिस की कार्रवाई, बृजभूषण के घर पहुंची 12 लोगों से पूछताछ
Advertisement