गांधीनगर: गुजरात सरकार ने एक सर्कुलर जारी कर सरकारी अधिकारियों को अहम आदेश जारी किये हैं. सर्कुलर में सरकारी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का फोन नंबर सेव कर लें और जब उनका फोन आए तो उठाकर संयमित भाषा में जवाब दें. इतना ही नहीं आगे सरकारी बाबुओं को निर्देश दिया गया है कि अगर नेताओं का फोन किसी वजह से नहीं उठा पा रहे हैं तो टाइम मिलते ही सबसे पहले उनको सामने से फोन करें.
Advertisement
Advertisement
गुजरात सरकार के सामान्य प्रशासनिक विभाग के उप सचिव राजेंद्र सिंह राठौड़ द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि संसद और विधानसभा के सदस्यों या जनता के अन्य निर्वाचित प्रतिनिधि जैसे जिला/तालुका पंचायत अध्यक्ष, नगरपति और मेयर के मोबाइल नंबर को अधिकारियों को सेव करना होगा.
इसके अलावा कार्यालय समय के दौरान जनप्रतिनिधि कार्यालय के लैंडलाइन फोन पर सरकारी अधिकारियों से संपर्क करता और वह उस वक्त दफ्तर में उपस्थित नहीं है अथवा बैठक में व्यस्त है या फिर किसी अन्य वजह से बात करने में असमर्थ है, तो ऐसे अधिकारी जैसे ही वक्त मिले पहला काम उनको फोन करें और शिकायतों को सुनकर उचित जवाब दें.
सर्कुलर में लिखा है कि जब कोई जनप्रतिनिधि किसी सरकारी अधिकारी को उसके कार्यालय के लैंडलाइन पर फोन करता है तो उनकी अनुपस्थिति में फोन उठाने वाला कर्मचारी फोन कॉल का रिकॉर्ड रखेगा, जो संबंधित अधिकारी के कार्यालय में आते ही उनके ध्यान में लाएगा. सामान्य प्रशासनिक विभाग ने अपने सर्कुलर में आगे कहा कि इस निर्देश का सख्ती से हर विभाग में पालन किया जाए.
उल्लेखनीय है कि पिछले काफी समय से निर्वाचित जनप्रतिनिधि का सरकारी अधिकारी बात नहीं सुन रहे थे. इसको लेकर शिकायत भी की गई थी, हाल ही में महुवा के विधायक मोहन ढोडिया ने समन्वय बैठक में यह मुद्दा उठाया था. जिसके बाद गुजरात सरकार ने सरकारी बाबुओं के लिए परिपत्र जारी कर सख्ती से फोन उठाने का निर्देश दिया है. इससे पहले उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ने भी कुछ इसी तरीके का आदेश सरकारी अधिकारियों को दिया था.
Advertisement