अहमदाबाद: गुजरात उच्च न्यायालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह की आपराधिक मानहानि मामले में उनके खिलाफ चल रही अदालती कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी है.
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न्यायमूर्ति समीर जे दवे की पीठ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के बारे में उनके व्यंग्यात्मक और अपमानजनक बयानों के लिए गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में मेट्रोपॉलिटन में जारी कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया है. पीठ ने शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल के वकील और पीपी मितेश अमीन की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश दिया है.
अहमदाबाद की मेट्रोपोलिटन अदालत ने पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक डिग्री पर विवाद के संबंध में उनके कथित अपमानजनक बयानों के लिए गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा दायर मानहानि मामले में अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह को 11 अगस्त को पेश होने का निर्देश दिया था. इससे पहले, अहमदाबाद की सिटी सिविल और सेशन कोर्ट ने भी 5 अगस्त को उनकी याचिका खारिज कर दी थी. इस आदेश को चुनौती देते हुए आप के दोनों नेताओं ने गुजरात उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन अब हाईकोर्ट से भी उनको राहत नहीं मिली है.
क्या है पूरा मामला
गुजरात हाईकोर्ट ने 31 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के मुद्दे पर फैसला सुनाते हुए केजरीवाल पर 25 हजार का जुर्माना लगाकर उनकी याचिका को खारिज कर दिया था. उसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 1 अप्रैल को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री की डिग्री को लेकर अपमानजनक बनाए दिए थें. इस बयान को ट्विटर अकाउंट पर भी साझा किया गया था. उसके अगले दिन 2 अप्रैल को संजय सिंह ने प्रधानमंत्री की डिग्री को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केजरीवाल की तरह ही बयान दिया था. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस और ट्वीट में गुजरात यूनिवर्सिटी का भी जिक्र है. जिसके बाद गुजरात विश्वविद्यालय केजरीवाल और संजय सिंह के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया है.
शिकायतकर्ता ने यह भी कहा है कि प्रधानमंत्री की डिग्री विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर प्रकाशित है. हालांकि, केजरीवाल एक सिविल सर्वेंट होने के बावजूद इस तरह की व्यक्तिगत टिप्पणी की है. इस टिप्पणी से ऐसा प्रतीत होता है कि गुजरात यूनिवर्सिटी फर्जी डिग्री दे रही है. लोगों को यह आभास हो रहा है कि यूनिवर्सिटी गलत गतिविधियों में शामिल है. शिकायत में रजिस्ट्रार ने आरोप लगाया कि गुजरात हाईकोर्ट द्वारा केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश को रद्द करने के बाद भी केजरीवाल और संजय सिंह ने मानहानि करने वाले बयान दिए हैं.
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