अहमदाबाद: गुजरात सरकार ने 2019 में निलंबित किए गए 2010 बैच के आईएएस गौरव दहिया का निलंबन रद्द कर दिया है और उन्हें गांधीनगर में अतिरिक्त विकास आयुक्त की जिम्मेदारी सौंपी है. जबकि फिलहाल यह जिम्मेदारी संभाल रहे आईएएस एबी राठौड़ को अतिरिक्त जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है. दिल्ली की महिला ने गौरव दहिया पर दो शादियां और धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. सरकार ने इस मामले में जांच कमेटी बनाई थी. गौरव दहिया दो बार इस कमेटी के सामने पेश भी हुए थे. गुजरात सरकार ने जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर अगस्त 2019 में उनको निलंबित कर दिया था.
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गौरव दहिया को अगस्त 2019 में निलंबित कर दिया गया था
दिल्ली की एक महिला ने 2019 में जीएडी विभाग में आईएएस गौरव दहिया के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर गुजरात के मुख्यमंत्री ने 5 आईएएस सदस्यों की एक समिति बनाई और मामले की जांच के आदेश दिए थे. सदस्यों ने जांच की तो महिला के आरोप सही पाये गये. इसलिए 14 अगस्त 2019 को गौरव दहिया को गुजरात सरकार ने निलंबित कर दिया था.
दहिया के वकील ने कहा कि आरोप झूठे हैं
आईएएस अधिकारी डॉ. गौरव दहिया के वकील हितेश गुप्ता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ गभीर दावे किए थे. गुप्ता का कहना है कि डॉ. दहिया को दोषी ठहराने की कोशिश में एक अन्य महिला आईएएस अधिकारी की भूमिका रही, जिसके कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया था. गुप्ता ने संकेत दिया कि वह अधिकारी स्वास्थ्य विभाग में थी और लिनू सिंह के लगातार संपर्क में थी और पुलिस को दोनों के बीच बातचीत के सबूत मिले हैं.
गौरव की पहली पत्नी भी तलाक लेकर अलग हो गईं थी. गौरव दहिया हरियाणा के गुड़गांव के रहने वाले हैं. दहिया के वकील ने आगे कहा कि सभी आरोप झूठे हैं. उन्होंने आरोप लगाया था कि महिला की शादी 2015 में ही हुई थी. उनकी पहले से ही एक बेटी थी, जिसको वह आईएएस दहिया की बेटी बताकर 20 करोड़ रुपये की मांग की थी. आईएएस अधिकारी ने दावा किया था कि वह इसके सत्यापन के लिए डीएनए टेस्ट कराने के लिए तैयार हैं. लेकिन पैसे न देने पर महिला बार-बार आत्महत्या करने की धमकी भी दे रही थी.
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