दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. बीते दिनों राजस्थान के अजमेर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली विशाल जनसभा के साथ शुरू हुआ अभियान पूरे जून महीने तक चलेगा. इस अभियान के तहत बीजेपी मोदी सरकार के 9 साल की उपलब्धियों को देशभर के लोगों तक पहुंचाने का काम करेगी. इस अभियान से उन लोगों को भी जोड़ा जाएगा जो किसी कारणवश योजनाओं का लाभ लेने से वंचित रह गए हैं.
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आगरा से शुरू होगी टिफिन पर चर्चा
इस अभियान में कुछ अनोखे प्रयोग भी किए जा रहे हैं. ताकि असंतुष्ट कार्यकर्ताओं व नेताओं को समझा-बुझाकर फिर से सक्रिय किया जा सके और चुनाव में उनका इस्तेमाल किया जा सके. इस नए और अनोखे प्रयोग का नाम ‘टिफिन पर चर्चा’ रखा गया है. इस अभियान के तहत 3 जून को आगरा में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पहले ‘टिफिन पर चर्चा’ का उद्घाटन करने वाले थे, लेकिन ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे की वजह से यह कार्यक्रम नहीं हो सका था. बीजेपी के हर विधायक और सांसद को इस तरीके के ‘टिफिन पर चर्चा’ आयोजित करने का निर्देश दिया गया है.
‘टिफिन पर चर्चा’ के जरिए नाराज कार्यकर्ताओं मनाने की कोशिश
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल, तरुण चुग और विनोद तावड़े को अभियान का प्रभारी बनाया गया है. कार्यक्रम विधानसभा स्तर पर आयोजित की जाएगी. जिसमें विधायक, समाजसेवी, कार्यकर्ता, विभिन्न संगठनों के पूर्व कार्यकर्ता, पदाधिकारी, पार्षद उपस्थित रहेंगे. इस बैठक की खास बात यह होगी कि इस बैठक में मौजूद लोगों को अपने घर से टिफिन लाना होगा और सभी एक साथ बैठकर भोजन करेंगे और चर्चा करेंगे. इस दौरान गिले-शिकवे दूर होंगे और विधायक, सांसद अपनी उपलब्धियां सबके सामने रखेंगे.
पीएम मोदी गुजरात में टिफिन मीटिंग करते थे
टिफिन मीटिंग की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तब की थी जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे. नरेंद्र मोदी हर महीने ऐसी टिफिन मीटिंग करते थे और अपने अफसरों के साथ मीटिंग करते थे. कभी-कभी वे भोजन करते समय अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से भी चर्चा करते थे. जिसकी वजह से सुशासन को लेकर कई सुझाव और सरकार के कामकाज की जानकारी भी लोगों से मिल जाती थी.
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