अहमदाबाद के रिक्शा चालक आज से 3 दिन की हड़ताल पर उतर गए हैं. रिक्शा चालक एकता यूनियन की ओर से इस हड़ताल का ऐलान किया गया है. यूनियन ने अवैध दोपहिया टैक्सियों पर रोक लगाने की मांग की है. रिक्शा चालकों ने आरोप लगाया है कि सफेद नंबर प्लेट वाली गाड़ियां प्राइवेट ऐप के जरिए टैक्सी के रूप में चलाई जा रही है. अहमदाबाद रिक्शा चालक एकता यूनियन ने 5 अक्टूबर तक हड़ताल पर रहने का फैसला किया है.
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रिक्शा चालकों की आजीविका बुरी तरह प्रभावित
अहमदाबाद रिक्शा चालक एकता यूनियन ने आरोप लगाया है कि शहर में सफेद नंबर प्लेट वाली गाड़ियां प्राइवेट ऐप के जरिए टैक्सी के रूप में धड़ल्ले से चल रही है. जिसकी वजह से उनकी आजीविका बुरी तरह प्रभावित हो रही है, इस मामले को लेकर आरटीओ, ट्रैफिक पुलिस और सरकार से शिकायत की जा चुकी है. लेकिन ऐसी अवैध दोपहिया टैक्सियों के खिलाफ किसी भी कार्रवाई नहीं होने की वजह से हड़ताल पर उतरने का फैसला किया गया है.
रिक्शा चालकों की हड़ताल से यात्री परेशान हों तो कोई आश्चर्य की बात नहीं है. शहर में ऑनलाइन ऐप्स के जरिए दोपहिया वाहन चलाने का चलन बढ़ रहा है, ऐसे में रिक्शा चालकों की दैनिक आय पर बुरा असर पड़ रहा है, दोपहिया वाहन पर किराया देकर यात्रा करना गैरकानूनी है, इसे रोकने की मांग अहमदाबाद रिक्शा चालक एकता यूनियन ने की है. अपनी इसी मांग को लेकर 3 से 5 अक्टूबर तक हड़ताल पर उतरने का ऐलान किया है.
रिक्शा चालक 3 से 5 अक्टूबर तक हड़ताल पर रहेंगे
रिक्शा चालक संघ के अनुसार, पिछले कुछ समय से ऑनलाइन ऐप्स के माध्यम से दोपहिया यात्रा तेजी से बढ़ रही है, जो अवैध है और इसे रोका जाना चाहिए, इस संबंध में सरकार को ज्ञापन देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है. परिवहन आयुक्त द्वारा निर्देश दिया गया है कि दोपहिया वाहन पर कोई भी यात्री नहीं बैठेगा, इस प्रकार के वाहन चालकों पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. इस अधिसूचना के बाद ही कोई कार्रवाई नहीं होने से इस प्रकार के वाहन आज भी सड़कों पर चल रहे हैं. शहर में सफेद नंबर प्लेट वाली गाड़ियां प्राइवेट ऐप के जरिए टैक्सी के रूप में कितनी गाड़ियां चल रही है इसकी जानकारी सरकार के पास भी नहीं है.
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