पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान पर्यवेक्षक बनकर गुजरात आए उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अभिषेक सिंह को आखिरकार इस्तीफा देना पड़ा है. अहमदाबाद के असारवा निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव पर्यवेक्षक के रूप में कार्यरत रहते हुए उन्होंने अपने मूल कर्तव्य और जिम्मेदारी को पूरा करने के बजाय शहर के विभिन्न स्थानों पर सरकारी गाड़ी, सुरक्षा कर्मियों को आसपास खड़ा करके फिल्मी हीरो की तरफ वीडियो बनाया था. इतना ही नहीं इसकी सेल्फी भी ली थी और सोशल मीडिया पर अपलोड किया था. मामला सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने आईएएस अभिषेक के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया था. जिसके बाद उनको फरवरी 2023 तक निलंबित कर दिया गया था.
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उत्तर प्रदेश कैडर के 2011 बैच के आईएएस अधिकारी और जिला कलेक्टर अभिषेक टीवी धारावाहिकों, वेब श्रृंखलाओं में एक अभिनेता के रूप में काम कर रहे थे. इस बीच चुनाव आयोग गुजरात विधानसभा चुनाव में सौंपे गए काम के बजाय अहमदाबाद में ‘हीरोगिरी’ करते हुए पकड़ा था. पिछले साल के चुनाव में उनको दो विधानसभा क्षेत्र बापूनगर और असारवा की जिम्मेदारी दी गई थी.
चुनाव पर्यवेक्षक के रूप में कार्यरत रहते हुए उन्होंने अपने मूल कर्तव्य और जिम्मेदारी को पूरा करने के बजाय शहर के विभिन्न स्थानों पर सरकारी गाड़ी, सुरक्षा कर्मियों को आसपास खड़ा करके फिल्मी हीरो की तरफ वीडियो बनाया था. इतना ही नहीं वह निजी कार पर यूपी स्टाइल में ”ऑब्जर्वर” का बोर्ड लगाकर अपनी कुछ सेल्फी सोशल मीडिया पर अपलोड की थी.
मामला सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने उन्हें तत्काल प्रभाव से पर्यवेक्षक पद से हटा दिया था. बाद में उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था. अब उन्होंने आईएएस पद से इस्तीफा दे दिया है. बता दें कि आईएएस अभिषेक सिंह की पत्नी दुर्गा शक्ति नागपाल भी आईएएस हैं और वर्तमान में वह उत्तर प्रदेश की बांदा की जिलाधिकारी हैं.
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