चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के बीच जारी सियासी लड़ाई को विराम दे दिया है. पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर फैसला देते हुए आयोग ने कहा है कि ‘शिवसेना’ और ‘धनुष बाण’ दोनों ही एकनाथ शिंदे के पास रहेगा. इस फैसले के बाद साफ हो गया है कि एकनाथ शिंदे की सेना ही असली शिवसेना है. चुनाव आयोग के आदेश के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे स्मारक पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की. इतना ही नहीं शिवसेना नाम और चिन्ह मिलने पर शिंदे गुट ने पुणे में जश्न भी मनाया.
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चुनाव आयोग के आदेश के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह हमारे कार्यकर्ताओं, सांसदों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों और लाखों शिवसैनिकों सहित बालासाहेब और आनंद दीघे की विचारधाराओं की जीत है. यह लोकतंत्र की जीत है. यह देश बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा तैयार किए गए संविधान पर चलता है. हमने उस संविधान के आधार पर अपनी सरकार बनाई, चुनाव आयोग का आज जो आदेश आया है वह मेरिट के आधार पर है. मैं चुनाव आयोग का आभार व्यक्त करता हूं.
उद्धव ठाकरे के चोर वाले बयान पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पलटवार करते हुए कहा कि 50 विधायक,13 सांसद, लाखों कार्यकर्ता चोर हैं क्या? पहले आप (उद्धव ठाकरे) आत्मचिंतन करो कि ये नौबत क्यों आई है? क्योंकि आपने 2019 में बाला साहब ठाकरे के विचारों को बेच दिया और धनुष बाण को गिरवी रखा था इसे हमने छुड़ाया है.
चुनाव आयोग के फैसले को लेकर महाराष्ट्र उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि CM एकनाथ शिंदे की शिवसेना को शिवसेना का चिन्ह और नाम मिला है. असली शिवसेना एकनाथ शिंदे की शिवसेना बनी है. हम पहले दिन से आश्वस्त थे क्योंकि चुनाव आयोग के अलग पार्टियों के बारे में इसके पहले के निर्णय देखे तो इसी प्रकार का निर्णय आए हैं.
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