भाजपा ने जब से जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष राज्य के दर्जा को खत्म किया है तब से जम्मू- कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती किसी न किसी बहाने भाजपा पर हमला बोलती रहती हैं. इस बार उन्होंने बड़ा दावा करते हुए कहा कि जब तक राज्य में धारा 370 फिर से बहाल नहीं हो जाता वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी.
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जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि वह तब तक विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी जब तक कि भारत सरकार अनुच्छेद 370 को बहाल नहीं करती. यह मेरे लिए एक भावनात्मक मुद्दा है, उन्होंने कहा, “जब भी मैंने सदन के सदस्य के रूप में शपथ ली, वह दो संविधानों के तहत था, जम्मू-कश्मीर का संविधान और भारत का संविधान, जिसमें एक साथ दो झंडे थे.”
यह पूछे जाने पर कि क्या वह संसदीय चुनाव लड़ेंगी, पीडीपी प्रमुख ने कहा कि अभी कुछ भी तय नहीं किया गया है. अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करने की मांग करने वाला गठबंधन पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) क्या गठबंधन के तौर पर विधानसभा चुनाव लड़ेगा, इस सवाल पर महबूबा ने कहा कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. उन्होंने कहा, ‘हमने कभी इस बात पर चर्चा नहीं की कि हम एक साथ चुनाव लड़ने वाले हैं या फिर अलग-अलग. हम इस बारे में तब तक बात नहीं कर सकते जब तक हम सब एक साथ नहीं बैठते हैं.
‘पंचायत विधानसभा का विकल्प नहीं हो सकता’
जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र बहाल करने के केंद्र सरकार के दावे पर महबूबा ने कहा कि अगर पंचायत चुनाव लोकतंत्र की असली परीक्षा है तो देश में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के पद क्यों हैं. पीडीपी अध्यक्ष ने कहा, ‘वे पंचायत चुनाव की बात कर रहे हैं. ऐसा नहीं है कि यह चुनाव पहली बार हुआ है. ये चुनाव (नेशनल कांफ्रेंस के संस्थापक) शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के समय से हो रहे हैं. अगर लोकतंत्र की असली परीक्षा पंचायत है तो प्रधानमंत्री और गृहमंत्री क्या कर रहे हैं? पंचायत का चुनाव विधानसभा चुनाव का विकल्प कभी नहीं बन सकता है.
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